मजाक जब हो हद से ज्यादा
By: Team Aapkisaheli | Posted: 30 Nov, 2013
मर्यादा समझाएं
मजाक को एक सीमा तक ही बर्दाश किया जा सकता है। उसके बाद वह बदतमीजी बन जाता है और इतनी बढे कि रिश्ते टूटने की नौबद आने लगे तो जरूरी है कि सामने वाले को पहले ही उसकी सीमा याद दिला दें। कहने का मतलब है कि परिवार में हल्का-फुल्का मजाक तो किसी हद तक चल सकता है, लेकिन गाहे बगाहे रोजमर्रा की लाइफ में ईष्र्यावश एक दूसरे के साथ छींटाकशी, बाणों की छडी, तानेमारने की आदत हास-परिहास मजाक उडना यह मजाक नहीं बदतमीजी है।