लिखते-लिखते टेंशन को करें बाय
By: Team Aapkisaheli | Posted: 18 Jun, 2013
इस थैरेपी से इंसान को अपने रोजना की फीलिंग्स को री-कलैक्ट करने में मदद मिलती है और वह नेगेटिव थॉट्स से बच जाता है। बाद में जब कभी वे अपनी डायरी को दोबारा पढते है, तो उन्हें अपने आप को संभालने में मदद मिलती है।