श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र का वर्णन: तीन मंजिला मंदिर के भूतल का काम पूरा
By: Team Aapkisaheli | Posted: 27 Dec, 2023
अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने श्री
राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र का वर्णन किया।उन्होंने कहा, मंदिर का
निर्माण 70 एकड़ भूमि के उत्तरी भाग पर किया जा रहा है। यहां तीन मंजिला
मंदिर बनाया जा रहा है। मंदिर के भूतल का काम पूरा हो चुका है, पहली मंजिल
निर्माणाधीन है।
अयोध्या में 22 जनवरी को प्रस्तावित श्रीराम
जन्मभूमि मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले पूरे क्षेत्र के
कायाकल्प की प्रक्रिया जारी है। 30 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के
प्रस्तावित दौरे से पूर्व श्रीराम जन्म भूमि मंदिर को जोड़ने वाले सभी
प्रमुख मार्गों पर रामायण काल के प्रमुख प्रसंगों का मनमोहक चित्रण कराने
की दिशा में सरकार के प्रयासों में तेजी लाई जा रही है।
अयोध्या
विकास प्राधिकरण (एडीए) की श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले सभी
प्रमुख मार्गों की दीवारों को टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों से
सजाने की प्रक्रिया जारी है। वहीं, दूसरी ओर अयोध्या विकास प्राधिकरण
द्वारा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों की
दीवारों को कंकड़-पत्थर से बनी कलाकृतियों से सजाने का कार्य भी शुरू कर
दिया है। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया जारी
है तथा माना जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पूर्व कार्य पूर्ण
कर लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एडीए का उद्देश्य अयोध्या शहर में
पर्यटन को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाने का है और वर्ष 2047 तक
अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करने पर लक्ष्य
केंद्रित किया जा रहा है। साथ ही, अयोध्या में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा
तैयार करने की दिशा में सार्थक प्रयास हो रहे हैं, जिससे यह शहर प्राचीनता व
आधुनिकता का जीवंत मिश्रण बन सके।
एडीए के अधिकारी ने बताया कि
प्रतिष्ठित धर्म पथ रोड के किनारे टेराकोटा कलाकृतियों व भित्तिचित्रों की
स्थापना की जा रही है। इनमें प्रभु श्रीराम के जीवनकाल से जुड़े संदर्भों
को दर्शाया जा रहा है। इसमें श्रीराम दरबार, खर-दूषण वध, कैकई कोपभवन गमन
दृष्य समेत अनेक प्रसंगों को दर्शाया जा रहा है। यह परंपरा और आधुनिकता के
मिश्रण का प्रतीक है जो तीर्थयात्रियों और आगंतुकों को अयोध्या के कालातीत
आकर्षण का अनुभव करने के लिए स्वागत करता है।
धर्म पथ सड़क के
किनारे टेराकोटा भित्तिचित्रों के निर्माण से यहां आध्यात्मिक शांति की
तलाश में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों और यात्रियों को आकर्षित कर रहा
है जो सेल्फी प्वॉइंट में भी परिवर्तित हो गया है। ये भित्तिचित्र दृश्य
इतिहास के रूप में काम कर रहे हैं, जो उन पवित्र किंवदंतियों, महाकाव्यों
और कहानियों का वर्णन करते हैं, जो सदियों से अयोध्या के हदयस्थल पर अंकित
हैं। ये भित्तिचित्र तीर्थयात्रियों के सांस्कृतिक मार्गदर्शक के रूप में
कार्य करेंगे जो पवित्र अतीत और कोलाहल भरे वर्तमान के बीच की खाई को पाटते
हैं।
ये भित्तिचित्र न केवल कलात्मक अभिव्यक्ति बन जाते हैं, बल्कि
ज्ञान, समझ और एकता के मार्ग भी प्रशस्त करेंगे। ये शहर के सौंदर्यीकरण को
बढ़ावा देने के साथ ही ओपन एयर गैलरी के तौर पर भी कार्य करेंगे। अधिकारी
के अनुसार टेराकोटा भित्तिचित्र की पहल ऐतिहासिक सिटी सर्किट और हेरिटेज
वॉक की एडीए की रणनीति के अनुरूप है। कला, विरासत और बुनियादी ढांचे को
एकीकृत करके, यह पहल ऐसे स्थान बनाने के रणनीतिक उद्देश्य को पूरा करती है,
जो निवासियों और यहां आने वाले तीर्थयात्रियों के बीच समान रूप से गर्व और
अपनेपन की भावना पैदा करेगी।
इसके अतिरिक्त, यह परियोजना
सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने और अयोध्या को वैश्विक पर्यटन गंतव्य के
रूप में स्थापित करने के एडीए के लक्ष्य में सीधे योगदान देगी। इस क्रम
में, बनने वाले 50 से ज्यादा म्यूरल स्कल्प्चर्स व भित्ति चित्र पेंटिंग्स
की ऊंचाई 9 फीट और चौड़ाई 20 फीट निर्धारित की गई है। इनकी थीम अलग-अलग
रामायण कांड पर आधारित होगी। इसमें महीन मिट्टी (केवल नदी तल की फाइन क्ले)
का उपयोग होगा।
संक्षारण से बचने के लिए कलाकृतियों के निर्माण के
लिए चयनित मिट्टी यूरिया और नमक से मुक्त होगी। वहीं, कलाकृतियों की बेकिंग
(फायरिंग) को 970-1050-डिग्री तापमान पर पकाया जाएगा। भित्तिचित्रों का
उभार 8 इंच होगा तथा प्रत्येक भाग, टुकड़े और ब्लॉक को पॉलिमर मोर्टार
द्वारा दीवार पर लगाया जाएगा, जिन पर वेदर कोटिंग वाले पेंट ही लगाए
जाएंगे। वहीं, कंकड़-पत्थरों से बनी कलाकृतियों के लिए भी ऊंचाई 9 फीट और
चौड़ाई 20 फीट निर्धारित की गई है।
धर्म पथ के अगल-बगल कुल 20 ऐसी
कलाकृतियों के निर्माण की योजना है। इन निर्माण कार्यों की पूर्ति के लिए
दो महीने का लक्ष्य रखा गया है, मगर मुख्य पथ पर संबंधित कलाकृतियों के
निर्माण को 22 जनवरी के पहले पूर्ण करने पर फोकस किया जा रहा है।
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