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राशियों के अनुसार प्रेम की अनुभूति एवं प्रदर्शन

By: Team Aapkisaheli | Posted: 24 July, 2018

राशियों के अनुसार प्रेम की अनुभूति एवं प्रदर्शन
प्रेम एक ऎसी अनुभूति है जिससे जीवन का कोई रिश्ता अनछुआ नहीं रहता। प्रेम कलकल बहती नदिया के समान है। यह जल की कोमल धारा है जो इसके साथ चला वह प्रेम की गति प्राप्त कर लेता है और जो इसके विरूद्ध चला वह प्रेम पर आक्षेप लगाता दिखाई देता है। शब्दों का मायाजाल बुनकर आप इससे दूर रह सकते हैं परंतु इसके अहसास से कदापि नहीं बच सकते। ज्योतिषशास्त्र में प्रेम, भावनाओं, संवेदनाओं, अहसास, दिल, मन ह्वदय आदि का संबंध चंद्रमा से है। सभी ग्रह मिलकर शरीर रूपी ढाँचा ख़डा कर देते हैं और उस शरीर में भावनाओं का अहसास डालने का काम सिर्फ चंद्रमा करते हैं। मन के आगे शरीर बेबस होता है और तब बुद्धि के रूप में गणेश जी भी साथ नहीं देते हैं। इसी प्रेम के वशीभूत होकर "मीरा" राजपाट छो़डकर दर-दर अपने कान्हा की तलाश में भटकीं। अगर हम प्रेम के मामले में 12 राशियों की बात करें तो हर राशि वाले व्यक्ति की प्रेम की अनुभूति एवं प्रदर्शन एकदम अलग होता है। हर राशि का व्यक्ति अपने गुण, धर्म एवं स्वभाव के अनुसार प्रेम को अपने जीवन में उतारता है। देखें, प्रेम के अलग-अलग रंग, अलग-अलग राशियों के माध्यम से, किस तरह व्यक्तियों पर बिखरते हैं। मेष : मेष एक अति ऊर्जावान और शक्तिशाली राशि है। तीव्रता इस राशि का एक मूल स्वभाव है। प्रेम के मामले में मेष राशि के व्यक्ति अति तीव्र होते हैं। "पहली नÊार का प्यार" इस वाक्य को साकार केवल ये ही कर सकते हैं। जितनी जल्दी इन पर प्यार की खुमारी चढ़ती है, उतनी जल्दी उतर भी जाती है। ये बेहद जल्दी अधीर हो जाते हैं तथा इसी कारण इनके जीवन में प्रेम संबंध बनते और बिग़डते हैं।
वृषभ: इस राशि में बैल या वृष के गुण पाए जाते हैं। यह धीरे-धीरे धैर्यपूर्वक अपना काम करते हैं तथा प्रेम के मामले में भी धैर्य का परिचय देते हैं लेकिन अपने संकल्प पर अडिग होते हैं तथा आसानी से पीछे नहीं हटते। यदि कोई व्यक्ति इनके प्रेमी स्वभाव को कुरेद सके तो इनको अधिक आसानी से अपने वश में किया जा सकता है। ये प्रेम के मामले में अंतिम सीमा तक उदार होते हैं तथा जिन्हें चाहते हैं उनके लिए किसी भी बलिदान को कम नहीं समझते हैं परंतु इनको अनावश्यक ईष्र्या प्रदर्शन से बचना चाहिए अन्यथा ये अपने प्रेमी का दिल दुखा सकते हैं।
मिथुन : प्रेम-प्रसंगों में ये लोग एक सबसे ब़डी पहेली होते हैं। इनके स्वभाव का दोहरापन आसानी से महसूस किया जा सकता है। ये एक ही क्षण में प्यार कर सकते हैं तो दूसरे ही क्षण में गैर वफादार भी हो सकते हैं। ये हमेशा ऎसे साथी की तलाश में रहते हैं जो इनके स्वभाव को आसानी से समझ सके। साथ ही साथ इनमें छिपे गुणों को भी उभारे। इनके अत्यंत चंचल स्वभाव के कारण इनके साथी को सदैव चौकन्ना रहना प़डता है मगर ये इस बात को नहीं मानते और दिल ही दिल में यही सोचते हैं कि ये न बदलने वाले और वफादार हैं।
कर्क : किसी के दिल की गहराईयों तक जाने का साहस कर्क राशि के लोग कर सकते हैं। भावुकता और संवेदनशीलता इनके जीवन के दो ब़डे स्तंभ हैं। प्रेम के लिए अपने आप को न्यौछावर कर देने का जज्बा केवल इनमें ही होता है। ये सदैव ऎसा साथी चाहते हैं जो इनके दिल में बसी भावना को पहचान ले और सदैव इनको भावनात्मक सहयोग मिलता रहे। इनके लिए प्रेम एक भक्ति है, जीवन जीने की एक अभिव्यक्ति है। ये बहुत जल्दी जु़डने वाले होते हैं। प्रेम में इनको दिखावा बिल्कुल पसंद नहीं होता, जिनसे प्रेम करते हैं उन पर सब कुछ लुटा सकते हैं और यदि कहीं छले जायें तो अपने कदम पीछे हटाने में भी एक क्षण नहीं लगाते।
सिंह : ये प्रेम के मामले में भी एकदम राजसी होते हैं। अपने प्रेम को पूरी सुरक्षा प्रदान करते हैं व बेहद वफादार होते हैं। एक चक्रवर्ती सम्राट की भाँति प्रेम के प्रत्येक आधार विश्वास, सुरक्षा, सौहार्द्र, प्रीति आदि पर विजय पाना इनको बखूबी आता है। ये अपने साथी से भी पूरी निष्ठा और वफादारी चाहते हैं मगर यह भी जरूरी नहीं कि ये जिस निष्ठा से प्रेम बाँटते हैं उतनी ही निष्ठा से इन्हें वापस भी मिले। ये बेहद प्रभावशाली होते हैं मगर इनके ह्वदय की संवेदनशीलता को केवल कुछ लोग ही जान सकते हैं।

कन्या: निजी रिश्तों में धैर्य कैसे रखा जाता है यह सिर्फ यही जानते हैं। ये बेहद सधे हुए और स्पष्ट होते हैं परंतु प्रेम के विषय में इनको समझ पाना थो़डा कठिन हो जाता है क्योंकि अन्य किसी वर्ग की अपेक्षा इनमें अच्छाई-बुराई की हद तक जाने की क्षमता अधिक होती है। इनमें प्रेम का बहुत गहरा भाव होता है परंतु भावुकता का प्रदर्शन करने वाले नहीं होते। एक बार प्रेम पैदा हो जाने पर बहुत वफादार होते हैं परंतु ईष्र्या का भाव आने पर ये सारी सीमाएं लाँघ जाते हैं। इनको चाहिए कि शब्दों के माध्यम से अपना प्रेम अभिव्यक्त जरूर करें।
तुला : ये बेहद संतुलित दृष्टिकोण रखने वाले होते हैं। ये प्रेम संबंधों में बहुत दिखावा करने वाले नहीं होते बल्कि बाल की खाल निकालने वाले और उनके प्रयोजन को तोलने वाले होते हैं, परंतु इनको याद रखना चाहिए कि प्यार के पखों को magnifying glass से नहीं देखा जाता। एक बार ये प्रेम के वशीभूत हो गए तो भारी त्याग करने से भी पीछे नहीं हटते। ये प्रेम के मामले में बिल्कुल अनोखे होते हैं या तो बहुत जल्दी जु़ड जाते हैं या जु़डने में बहुत समय लगाते हैं परंतु इनकी एक बहुत ब़डी खूबी होती है कि ये किसी भी रिश्ते की गहराई तुरंत भाँप लेते हैं।
वृश्चिक : इनमें अपनी भावनाओं पर काबू पाने की प्रबल क्षमता है। ये प्रेम के मामले में भी बेहद रहस्यमय होते हैं। इनके साथी अक्सर इनका सही मूल्यांकन नहीं कर पाते। ये ऎसा साथी चाहते हैं जिसे इस बात का ख्याल रहे कि कब ये नजदीकी चाहते हैं और कब थो़डी दूरी। इनकी असाधारण आकर्षण शक्ति कई लोगों को इनकी ओर आकर्षित करती है। ये भावुक तो होते हैं मगर अपनी भावनाओं को आसानी से और जल्दी से प्रकट नहीं कर पाते। इस बात का इंतजार करते हैं कि सामने वाला खुद आये और अपने प्रेम का इजहार इनके सामने करे। तब उसे स्वीकारने में इन्हें एक क्षण भी नहीं लगता और सारा धैर्य धरा रह जाता है।
धनु : प्रेम के मामले में बेहद खुले दिल के होते हैं। ये किसी भी व्यक्ति के साथ आसानी से सामंजस्य बिठा लेते हैं। इनके व्यवहार का लचीलापन इनके साथी को बेहद खुश रखता है। इनके लिए प्रेम एक सृजन है जिसमें हर बार कुछ नया करने की गुंजाइश रहती है। पूरे अधिकार से प्रेम करना इनका एक प्रमुख गुण है। इनके प्रेम में गहराई तो होती है परन्तु उसके साथ ही ये प्रेम केवल अपने अधिकार की वस्तु समझते हैं और जिस व्यक्ति से प्रेम करते हैं उसका किसी अन्य से बात करना भी इन्हें गवारा नहीं होता। अधिकार भावना इनके प्रेम का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।
मकर : इनके के लिए प्रेम ईश्वर की भक्ति जैसा गहरा होता है। ये सदैव ऎसा प्रेम चाहते हैं जो इनको स्थायित्व दे और जीवन पर्यन्त इनके साथ बना रहे। इनके लिए प्रेम एक गहरा आत्मिक अहसास है। इनके लिए जीवन जीने का दूसरा अर्थ ही प्रेम का होना है। ये एक बेहद भरोसेमंद एवं वफादार साथी हो सकते हैं मगर इनको अपने अति भावुक स्वभाव को थो़डा नियंत्रित करना चाहिए। प्रेम और कत्तव्य का संतुलन बनाने के लिए ये प्रेम को दस बार बुद्धि के तराजू में तोलते हैं। इसलिए प्रेम इनके लिए एक विचित्र अहसास भी है। इनको प्रेम में क़डे नियम बनाने से बचना चाहिए क्योंकि प्रेम करने के लिए किसी नियम की जरूरत नहीं प़डती।
कुंभ : ये जिन लोगों से प्रेम करते हैं उनके प्रति पूरे समर्पित हो जाते हैं परन्तु अपने प्रेम का प्रदर्शन आसानी से नहीं करते। इनमें प्रेम के हर सूक्ष्म रूप को महसूस करने की तीव्र भावना है और किसी न किसी रूप में जीवन के हर क्षण में इनको प्रेम चाहिए परन्तु प्रेम शब्दों की अभिव्यक्ति भी चाहता है तथा इनको अपने प्रेम को शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्त भी करना चाहिए। ऎसा न हो कि पहले आप, पहले आप करते-करते ग़ाडी तो छूट जाये और इनके हाथ कुछ न बचे, इसका ध्यान जरूर रखना चाहिये। ये किसी को भी भावनात्मक सहारा आसानी से दे सकते हैं, इसलिए ये एक बेहतरीन साथी हो सकते हैं
मीन: ये प्रेम के मामले में बेहद संवेदनशील एवं रूमानी होते हैं। ये सदैव यही चाहते हैं कि सब इनसे प्रेम करें। प्रेम के बिना जीवन की कल्पना इनको अधूरी लगती है। ये उस क्षण को दिल से जीते हैं, जो प्रेम से जु़डा है परन्तु ये कभी-कभी अत्यधिक आशिक मिजाज भी हो जाते हैं। इनकी एक बहुत ब़डी खूबी होती है कि एक बार पूरे दिल से जु़डने के बाद आसानी से अलग नहीं होते। इनका साथी भी इनके साथ प्रेम के हर एक क्षण को पूरी तरह से जीता है।
आभार: एस्ट्रोब्लेसिंग डॉट कॉम

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