चूहों के मंदिर में होगीं मनोकामना पूरी
By: Team Aapkisaheli | Posted: 16 Dec, 2017
यहां साल में दोनो नवरात्रि के समय विशेष मेला लगता है जिसमें देश भर से
श्रद्धालु आते हैं। करणी माता के जहां जनकल्याण के कार्य पूरे राजस्थान भर
में प्रसिद्ध हैं वहीं उन्होंने एकता का संदेश भी लोगों तक पहुंचाया। कहा
जाता है कि जब भाटी अउर राठौड राजवंशों के संबंध ठीक नहीं थे तो राव जोधा
के पांचवें पुत्र राव बीका का विवाह पुंगल के भाटी राजा राव शेखा की पुत्री
रंगकंवर से करवाकर करणी माता ने दो राज्यों को मित्र बना दिया। था। यह भी
उल्लेख मिलता है कि 1485 में राव बीका के आग्रह पर बीकानेर के किले की नींव
भी करणी माता ने ही रखी।
हाल ही में करणी माता के लिए उनके एक भक्त ने
गुप्त दान के जरिए रंगीन शीशों से बना शीश महल प्रदान किया है। इस वर्ष
नवरात्रों के पूर्व मंदिर में माता की मूर्ति के समक्ष यह शीश महल लगा दिया
गया है।
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