गर्भावस्था में दमा का अटैक गंभीर, बरतें सावधानी
By: Team Aapkisaheli | Posted: 08 May, 2019
नई दिल्ली। गर्भावस्था के दौरान अस्थमा का अटैक किसी भी महिला के लिए गंभीर
स्थिति होती है। इसलिए महिलाओं को गर्भावस्था की शुरूआत में ही अस्थमा की
जांच करा लेनी चाहिए। उचित समय पर अस्थमा का इलाज न किया जाए तो महिला और
होने वाले बच्चे दोनों की जान खतरे में पड़ सकती है।
जेपी अस्पताल
नोएडा के सीनियर कंसल्टेंट रेस्पेटरी मेडिसिन डॉ. ज्ञानेन्द्र अग्रवाल ने
कहा, ‘‘गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को उच्च रक्तचाप की समस्या और यूरिन
में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। इसके साथ ही भ्रूण को ऑक्सीजन की कमी
महसूस होने लगती है। इसके लिए महिलाओं को अपनी अस्थमा के दवाएं लेती रहनी
चाहिए और लगातार डॉक्टर के सम्पर्क में रहना चाहिए। इसके साथ गर्भावस्था के
दौरान धूल, मिट्टी, धुंआ और दुर्गध आदि एलर्जी वाली चीजो से दूर रहना
चाहिए।’’
एक स्टडी के अनुसार 10 प्रतिशत दमा पीडि़त महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में सामान्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा समय लगता है।
नारायणा
सुपरस्पेशेलिटी अस्पताल, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ
सतीश कौल ने कहा, ‘‘अस्थमा के मरीजों में सांस की नली में सूजन आ जाता है,
जिससे सांस की नली सिकुड़ जाती है, जिसके कारण उन्हें सांस लेने में
परेशानी होने लगती है। भारत में लगातार अस्थमा के रोगियों की संख्या बढ़ती
जा रही है, यहां लगभग 20-30 मिलियन लोग अस्थमा से पीडि़त है। इससे बचने के
लिए सबसे पहले यह पहचानना जरूरी है कि आप में दिखने वाले लक्षण दमा के है
या नहीं। क्योंकि हर बार सांस फूलना अस्थमा नहीं होता है, लेकिन अगर किसी
को अस्थमा है तो उसकी सांस जरूर फूलती है। अस्थमा के रोगियों में सांस
फूलना, सांस लेते समय सीटी की आवाज आना, लम्बें समय तक खांसी आना, सीने में
दर्द की शिकायत होना और सीने में जकडऩ होना आदि लक्षण दिखाई देते है। इस
रोग की सही पहचान के लिए पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट अनिवार्य है।’’
धर्मशिला
नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कंसलटेंट पल्मोनोलॉजी डॉ. नवनीत सूद ने
कहा, ‘‘अस्थमा से पीडि़त अधिकांश व्यक्ति को इंहेलर प्रयोग करने से फायदा
नहीं मिल पाता, जिसका कारण इंहेलर का गलत तरीके से प्रयोग करना होता है।
इंहेलर का सही ढंग से प्रयोग न करने पर दवा के कण सांस की नली में नहीं
पहुंच पाते, जिससे दवा गले में ही रह जाती है, इससे मरीज को आराम नहीं मिल
पाता है।’’
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