सर्दियों में आयुर्वेद दिलाएगी जोड़ों के दर्द में राहत
By: Team Aapkisaheli | Posted: 21 Dec, 2019
नई दिल्ली। जोड़ों के दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए सर्दियों का मौसम मुश्किल पैदा कर सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब आपके जोड़ों में उपस्थित कार्टिलेज धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगती है और इस वजह से हड्डियां आपस में एक-दूसरे से घिसने या रगड़ने लगती हैं, फलस्वरूप जकड़न, जोड़ों में दर्द और गति में दिक्कत इत्यादि की समस्या पैदा होने लगती है।
जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ.प्रताप चौहान ने कुछ उपाय सुझाए हैं, जिनका उपयोग आप जोड़ों के इस दर्द से उबरने के लिए कर सकते हैं।
1. नियमित ज्वॉइंट रोटेशन या जोड़ों का घुमावसाइकिलिंग और तैराकी जैसे कुछ कसरतों के साथ आप अपनी जीवन शैली में ज्वॉइंट रोटेशन को शामिल करें। जोड़ों के इस घुमाव से आपको इसमें दर्द से राहत मिलेगी और स्थिति को बिगड़ने से रोकने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही वॉकिंग से भी आपको फायदा मिल सकता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा तेजी से न चलें और आरामदायक जूते पहनकर ही सैर पर निकलें, जिसकी सतह समान हो।
2. अभ्यंग का अभ्यास करेंयह आयुर्वेद चिकित्सा का एक रूप है, जिसमें औषधीय तेलों से पूरे शरीर की मालिश की जाती है। इससे एक तो वात की समस्या कम होती है और दूसरी इससे उत्तकों से टॉक्सिन को बाहर निकलने में मदद मिलती है। इसके लिए ऑर्गेनिक तिल के तेल को गुनगुना गर्म करें और सिर से लेकर पांव तक लगाएं और हर रोज कम से कम दस मिनट तक मसाज करें। अगर आप रुमाटॉइट आर्थराइटिस से पीड़ित हैं तो अभ्यंग का अभ्यास न करें।
3. घी का सेवनगठिया को एक ऐसे रोग के रूप में देखा जाता है जिसमें वात की अधिकता हो जाती है जिससे पूरे शरीर में नमी कम होने लगती है और इस वजह से चिकनाई में कमी होने लगती है। घी, तिल या जैतून के तेल के उपयोग से सूजन में राहत मिलती है, जोड़ों में चिकनाई पैदा होती है और जोड़ों में जकड़न कम होती है।
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