शिशु की हो ठीक से देखभाल
By: Team Aapkisaheli | Posted: 09 Oct, 2013
शादी के बाद पति और पत्नी के बीच में प्रेम व लगाव इतना गहरा होता है। इस बीच दोनों अपने आप को एक-दूसरे को समझने और जानने का प्रयास कर रहे होते हैं कि उनके बीच एक नया मेहमान आ जाता है। इस नए व्यक्तित्व के आगमन से उन पर एक ऎसी जिम्मेदारी आती है जिसे वे अपने नव जीवन के साथ सामंजस्य बैठाते हुए निभाते हैं। पहली बार गर्भधारण कर शिशु को जन्म देने वाली नवयुवतियां शिशु की देखभाल करने में कुछ गलतियां कर जाती हैं। जिससे शिशु रोग विकार से पीडित हो जाते है।
जब शिशु गर्भ में होता है तथा उसके जन्म के बाद मां को उसका पालन-पोषण सही तरीके से करना जरूरी होता है। इस सब के बीच पति-पत्नी की जिम्मेदारियां अधिक बढ जाती हैं, खासतौर पर पत्नी की जिम्मेदारी दुगुनी हो जाती हैं, पहले बच्चो को संभालना उसका पालन-पोषण करना, दूसरा घर-परिवार की देखभाल करना इन दोनों जिम्मेदारियों को निभाते हुए, पत्नी का काम अधिक बढ जाता हैं। ऎसे में अगर पति-पत्नी समझदारी से काम नहीं लेते है तो आपसी असहमतियों और मतभेदों के कारण बेवजह विवाद खडा हो जाता है। पत्नी घर के अन्य कामों में ज्यादा समय नहीं दे पाती और न ही पति को समय दे पाती है, ऎसी परिस्थितियों में पति अपने आप को अकेला महसूस करता है। ऎसे में पति अगर बच्चें के कारण पत्नी की बढी जिम्मेदारियों को समझे और पत्नी का पूर्ण रूप से अपना सहयोग करें तो अकेलापन महसूस नहीं होगा और पति-पत्नी के बीच हमेशा प्रेम बना रहेगा।