माहे-ए-रमजान:इबादत और नेकियों का महीना
By: Team Aapkisaheli | Posted: 12 Jun, 2016
खासतौर
से हमारी बहनें ईद की शॉपिंग का जायला लें कि वह अपने लिबास पर कितना कुछ
खर्च करती हैं। जरा रूक कर सोचें हममें से कई जरूरतमंद लोग दुनिया में
मौजूद हैं जिनके पास तन ढंकने के लिए कपडा मौजूद नहीं।