बॉडी के साथ घडी की सूइयों का रिश्ता
By: Team Aapkisaheli | Posted: 03 May, 2013
ह्वदय रोगी सुबह रहें होशिया
एक रिसर्च के अनुसार सुबह 4 से 7 बजे तक हार्ट अटैक की आशंका सबसे ज्यादा बताई है क्योंकि इस समय हमारे शरीर में एंजाइम्स सबसे ज्यादा सक्रिय होते है, रक्त धमनियों में ऎथीरोमा रोग होने से ह्वदय के आंतरिक भी क्षतिग्रस्त होे जाते हैं, बहते हुए रक्त में क्षतिग्रस्त कण मिल जाते हैं जो जमा होकर वाहिनियों में रक्त प्रवाह मार्ग में अवरोध उत्नन्न करते हैं जिससेे शारीरिक अंगों तक रक्त पर्याप्त मात्रा में न पहुँचने के कारण ऑक्सीजन का ग्रहण व काबòन डाई ऑक्साइड का निकास सही ढंग से नहीं हो पाता है, इसे रोगी को साँस लेने में कठिनाई महसूस होती है जब रोगी जबरदस्ती साँस लेने की कोशिश करता है तो इससे वक्ष में बाँयी ओर भंयकर पीडी होती है साँस गति धीमी पड जाती है जिसे शॉटनेस ऑफ ब्रत कहते हैं। इस स्थितिके बढने से यकृत तथा गुर्दे भी प्रभावित हो जाते हैं, जिससे शरीर में सूजन बढने लगती है इसे ही हार्ट अटेक कहते हैं सुबह के समय हार्ट अटेक की इसलिए आशंका सबसे ज्यादा होती है क्योंकि जब हम सुबह सोकर उठते हैं तो हमारी बॉडी में रक्त प्रवाह बहुत तेज हो जाता है और नाडी की गति भी बढ जाती है इससे दिल बहुत तेजी से धडकने लगता है जो कभी-कभी हार्ट अटेक का कारण बन जाता है, और शायद इसी वजह से सुबह के जो शुरू के 4 घंटों में ही ब्रेन हैमरेज का भी खतरा ज्यादा रहता हैं।
इलाज
हार्ट अटेक की स्थिति में रोगी को पर्याप्त पोषाक तत्वों जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रटे तथा विटामिनयुक्त आहार देना चाहिये । कैलरी की मात्रा कम ही रखनी चाहिये जिससे ह्वदय के कार्य-भार का बोझ ने बढे। रोगी को भोजन कम मात्रा में देना चाहिए, जिसे वह आसानी से पचा करे। यदि पहले से ही मोटापे की स्थिति है, तो वसा की मात्रा बिल्कुल नाममात्र के लिए शामिल करना चाहिये। हरी सब्जियों का सूप या उबाली हुई सब्जियों का प्रयोग किया जा सकता है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही नमक की मात्रा पूरे दिन के आहार में शामिल करनी चाहिये। इसके साथ ही बी काम काम्पलैक्स विटामिन ए एवं सी से युक्त औषधियाँ दी जानी चाहिये । इन अवस्थाओं में मधपान , धूम्रपान व तम्बाकू को वर्जित रखना चाहिये।