बेपनाह खूबसूरती की मिसाल मधुबाला...
By: Team Aapkisaheli | Posted: 13 Feb, 2018
मधुबाल के अधूरी प्रेम कहानी के बारे में...
ग्लैमर जगत में जब प्रेम
कहानियों की चर्चा होती है, तो मुधबाला और दिलीप कुमार की प्रेम कहानी भला
कोई कैसे भूल सकता है, इस प्रेमकहानी की शुरूआत 1957 में फिल्म तराना से
शुरू हुई, दिलीप कुमार और मधुबाला पहली नजर में ही एक दूसरे के प्यार में
गिरफ्तार हो गए। खास बात ये रही कि मोहब्बत का इजहार मधुबाला ने खुद किया,
उन्होंने गुलाब के फूल के साथ एक चिट्टी दिलीप कुमार को भिजवाई, जिसमें
लिखा था अगर आप मुझसे मोहब्बत करते हैं तो ये गुलाब का फूल कबूल करें।
दिलीज ने मुस्कुराते हुए वो फूल कबूल कर लिया।
इन दोनों स्टार्स की
मोहब्बत में इतने डूब गए थे कि मधुबाला जहां भी शूटिंग करतीं, दिलीप कुमार
सेट पर पहुंच जाते। दोनों की प्रेम कहानी में मधुबाला के पिता अताउल्ला खान
विलेन बन बैठे, अताउल्ला मधुबाला के साथ हमेशा सेट पर मौजूद रहते थे और
उनपर कडी नजर रखते थे, वो दिलीप और मधुबाला की नजदीकियों को भी भांप गए थे।
सेट पर हर चीज के लिए टोकते रहते थे, जिस वजह से दिलीप कुमार उनको नापसंद
करने लगे।
खबरों की मानें तो दिलीप और मधुबाला का रिश्ता सगाई तक
पहुंच गया था, लेकिन शादी से पहले दिलीप ने मधुबाला के सामने एक ऐसी शर्त
रख दी, जिसे निभाना मधुबाला के लिए मुश्किल था। क्योंकि मधुबाला अपने पिता
से बेहद प्यार करती थीं और दिलीप की यह बात उन्हें पसंद नहीं आई, जिस वजह
से उन दोनों के बीच आए दिन झगडे होने लगे। 1956 में बात और भी बिगड गई, जब
फिल्म नया दौर की शूटिंग के लिए बी आर चोपडा ने भोपाल में शूटिंग का फैसला
किया। मधुबाला के पिता को मुंबइ्र से बाहर जाकर शूटिंग करना मंजूर नहीं था।
बस फिर क्या था फिल्म में मधुबाला की जगह बैजंती माला को साइन कर लिया
गया। कहते हैं कि दिलीप कुमार ने भी बी आर चोपडा का साथ दिया।
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