चैत्र
नवरात्र: जानें घट स्थापना करने का विशेष मुहूर्त
By: Team Aapkisaheli | Posted: 03 Apr, 2019
चैत्र
के नवरात्र इस बार 6 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं। इन नौ दिनों में पूरे
विधि-विधान से मां शक्ति के नौ रूपों मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी,
चन्द्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां
सिद्धिदात्री की पूजा होती है। 6 अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रि 14
अप्रैल को राम नवमी के त्योहार के साथ संपन्न होंगे।
हिंदू नववर्ष का प्रारंभ...चैत्र
नवरात्र से हिंदू नववर्ष का प्रारंभ माना जाता है और पंचांग की गणना की
जाती है। पुराणों के अनुसार चैत्र नवरात्रि से पहले मां दुर्गा अवतरित हुई
थीं। ब्रह्म पुराण के अनुसार, देवी ने ब्रह्माजी को सृष्टि निर्माण करने के
लिए कहा। चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में
अवतार लिया था। श्रीराम का जन्म भी चैत्र नवरात्र में ही हुआ था।
ज्योतषि की दृष्टि से भी है अहम...ज्योतषि की दृष्टि से भी
चैत्र नवरात्र का वशिेष महत्व है क्योंकि इसके दौरान सूर्य का राशि में
परिवर्तन होता है। कहा जाता है कि नवरात्र में देवी और नवग्रहों की पूजा से
पूरे साल ग्रहों की स्थिति अनुकूल रहती है। पंडितों का मानना है कि चैत्र
नवरात्र के दिनों में मां स्वयं धरती पर आती हैं, इसलएि मां की पूजा से
इच्छति फल की प्राप्ति होती है।
घट स्थापना करने का विशेष मुहूर्त...इन नौ दिनों मां नौ रुपों
की पूजा की जाती है। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना अच्छा रहता है। यूं तो
साल में दो बार नवरात्र आते हैं लेकिन दोनों ही नवरात्र का महत्व और पूजा
विधि अलग है। इस बार कहा जा रहा है कि पांच सर्वार्थ सिद्धि, दो रवि योग और
रवि पुष्य योग का संयोग बन रहा है।
इस बार यह भी कहा जा रहा है कि इस बार
नवमी भी दो दिन मनेगी। इस साल 6 अप्रैल शनिवार से नवरात्र शुरू हो रहे हैं।
शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन अभिजीत मुहूर्त में 6 बजकर 9 मिनट से
लेकर 10 बजकर 19 मिनट के बीच घट स्थापना करना बेहद शुभ होगा।
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