पेरेंट्स की इन गलतियों से बच्चे होते है शर्मिंदा, खो देते हैं कॉन्फिडेंस लेवल
By: Team Aapkisaheli | Posted: 02 Jan, 2025
पेरेंट्स की गलतियों से बच्चे अक्सर शर्मिंदा होते हैं। जब पेरेंट्स अपने बच्चों के सामने गलत व्यवहार करते हैं या अनुचित टिप्पणियां करते हैं, तो बच्चे शर्मिंदा हो सकते हैं। इसके अलावा, जब पेरेंट्स अपने बच्चों को डांटते हैं या उनकी आलोचना करते हैं, तो बच्चे शर्मिंदा हो सकते हैं और उनका आत्मविश्वास कम हो सकता है। इसलिए, पेरेंट्स को अपने बच्चों के साथ व्यवहार करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। इससे बच्चे अपने पेरेंट्स के साथ स्वस्थ और सकारात्मक संबंध बना सकते हैं।
गलती के लिए शर्मिंदा महसूस करवानागलती के लिए शर्मिंदा महसूस करवाना बच्चों के लिए बहुत ही नकारात्मक अनुभव हो सकता है। जब बच्चे कोई गलती करते हैं और उन्हें इसके लिए शर्मिंदा महसूस करवाया जाता है, तो वे अपने आत्मविश्वास को खो सकते हैं और भविष्य में गलतियों से सीखने के बजाय उनसे बचने की कोशिश कर सकते हैं। इसके बजाय, बच्चों को गलतियों से सीखने और उनसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
इंसल्ट करनाइंसल्ट करना बच्चों के लिए बहुत ही दर्दनाक अनुभव हो सकता है। जब बच्चों को इंसल्ट किया जाता है, तो वे अपने आत्मविश्वास को खो सकते हैं और भविष्य में नकारात्मक विचारों और भावनाओं का सामना कर सकते हैं। इसके बजाय, बच्चों को प्यार, सम्मान और समर्थन के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए। इससे वे अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं और भविष्य में सकारात्मक विचारों और भावनाओं का सामना कर सकते हैं।
भाई-बहनों और दोस्तों के साथ तुलना करनाभाई-बहनों और दोस्तों के साथ तुलना करना बच्चों के लिए बहुत ही नकारात्मक अनुभव हो सकता है। जब बच्चों की तुलना उनके भाई-बहनों या दोस्तों से की जाती है, तो वे अपने आत्मविश्वास को खो सकते हैं और भविष्य में नकारात्मक विचारों और भावनाओं का सामना कर सकते हैं। इसके बजाय, बच्चों को उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों और प्रयासों के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे वे अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं और भविष्य में सकारात्मक विचारों और भावनाओं का सामना कर सकते हैं।
कंडीशन लागू करनाकंडीशन लागू करना बच्चों के लिए बहुत ही नकारात्मक अनुभव हो सकता है। जब बच्चों पर कंडीशन लागू किए जाते हैं, तो वे अपने आत्मविश्वास को खो सकते हैं और भविष्य में नकारात्मक विचारों और भावनाओं का सामना कर सकते हैं। इसके बजाय, बच्चों को प्यार, सम्मान और समर्थन के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए। इससे वे अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं और भविष्य में सकारात्मक विचारों और भावनाओं का सामना कर सकते हैं।
बच्चे की फीलिंग्स को नजरअंदाज कर देनाबच्चे की फीलिंग्स को नजरअंदाज कर देना बच्चों के लिए बहुत ही नकारात्मक अनुभव हो सकता है। जब बच्चों की फीलिंग्स को नजरअंदाज किया जाता है, तो वे अपने आत्मविश्वास को खो सकते हैं और भविष्य में नकारात्मक विचारों और भावनाओं का सामना कर सकते हैं। इसके बजाय, बच्चों की फीलिंग्स को समझने और उनका सम्मान करने की कोशिश की जानी चाहिए।
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