कैंसर से पीड़ित बच्चों में और गंभीर हो सकता कोविड संक्रमण : लैंसेट
By: Team Aapkisaheli | Posted: 28 Aug, 2021
न्यूयॉर्क। वैश्विक स्तर पर कैंसर से पीड़ित लगभग 20 प्रतिशत बच्चे, जो
सार्स-सीओवी-2 यानी कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, उनमें कैंसर रहित बच्चों
या लोगों की तुलना में अधिक गंभीर संक्रमण विकसित होता पाया गया है। द
लैंसेट ऑन्कोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में खुलासा
हुआ है।
हालांकि, कुल मिलाकर ऐसे केवल 1-6 प्रतिशत बच्चों में ही गंभीर संक्रमण पाया गया है।
अमेरिका
के टेनेसी में सेंट जूड चिल्ड्रेन रिसर्च हॉस्पिटल के नेतृत्व में किए गए
अध्ययन से पता चला है कि अधिक गंभीर या गंभीर संक्रमणों के अलावा, बाल
चिकित्सा कैंसर रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना अधिक है, जो
कि 65 प्रतिशत तक आंकी गई है।
इसके अलावा स्टडी के दौरान कैंसर से
पीड़ित 17 प्रतिशत कोविड संक्रमित बच्चों को उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधा
के लिए भर्ती कराए जाने या स्थानांतरण की जरूरत पाई गई। वहीं गंभीर स्थिति
के बाद मृत्यु की दर चार प्रतिशत आंकी गई है, जबकि सामान्य बाल रोगियों में
0.01-0.7 प्रतिशत मृत्यु दर देखी गई है। यानी कैंसर से पीड़ित बच्चों की
सामान्य संक्रमित बच्चों से तुलना करें तो जिंदगी से जंग हारने के मामले
में भी कैंसर पीड़ित बच्चे कहीं अधिक संवेदनशील पाए गए हैं।
यह भी
देखने में आया है कि महामारी ने कैंसर के इलाज को भी बाधित कर दिया है। 56
प्रतिशत रोगियों में कैंसर चिकित्सा को संशोधित किया गया है और 45 प्रतिशत
ने कीमोथेरेपी को रोक दिया, क्योंकि साथ ही उनका संक्रमण का इलाज भी किया
जा रहा था।
इन प्रभावों को निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अधिक
महत्वपूर्ण रूप से देखा गया, जहां कोविड-19 से गंभीर बीमारी की संभावना
उच्च आय वाले देशों की तुलना में लगभग छह गुना अधिक देखने को मिली है।
सेंट
जूड डिपार्टमेंट ऑफ ग्लोबल पीडियाट्रिक मेडिसिन एंड इंफेक्शियस डिजीज की
शीना मुक्काडा ने कहा, नतीजे स्पष्ट और निश्चित रूप से दिखाते हैं कि
कोविड-19 के साथ कैंसर से पीड़ित बच्चों की कैंसर रहित बच्चों की तुलना में
बदतर स्थिति होती है।
विश्लेषण में 15 अप्रैल, 2020 से 1 फरवरी,
2021 तक 45 देशों के 131 अस्पतालों के 1,500 बच्चों को शामिल किया गया। यह
स्टडी ऐसे समय पर हुई, जब दुनिया के कुछ क्षेत्रों में बड़े बच्चों के लिए
टीकाकरण उपलब्ध नहीं हुआ था। इसके अलावा उस समय तक काफी जगह पर डेल्टा सहित
विभिन्न प्रकार के नए कोविड-19 वैरिएंट भी सामने नहीं आए थे, जो कि कई
देशों में तेजी से बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार पाए गए हैं और एक प्रमुख
वैश्विक चिंता बन गए हैं।
शोध में शामिल विशेषज्ञों ने कोविड-19 के
खिलाफ बच्चों को टीकाकरण के महत्व पर जोर दिया है। बच्चे अपेक्षाकृत बीमारी
के गंभीर रूपों से सुरक्षित पाए गए हैं, जिससे रोगियों को अस्पताल में
भर्ती होने और वेंटिलेटर की आवश्यकता से बचने में मदद मिल सकती है।
(आईएएनएस)
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