1 of 1 parts

मधुमेह से फेफड़े की बीमारी का जोखिम ज्यादा

By: Team Aapkisaheli | Posted: 06 Dec, 2018

मधुमेह से फेफड़े की बीमारी का जोखिम ज्यादा
लंदन। मधुमेह रहित लोगों की तुलना में टाइप-2 मधुमेह वाले लोगों में रिस्ट्रिक्टिव फेफड़े की बीमारी (आरएलडी) विकसित होने का जोखिम ज्यादा होता है। आरएलडी की पहचान सांस फूलने से की जाती है।
जर्मनी के हेडेलबर्ग अस्पताल विश्वविद्यालय के स्टीफन कोफ ने कहा, ‘‘तेजी से सांस फूलना, आरएलडी व फेफड़ों की विसंगतियां टाइप-2 मधुमेह से जुड़ी हैं।’’

जानवरों पर किए गए पहले के निष्कर्षों में भी रिस्ट्रिक्टिव फेफड़े की बीमारी व मधुमेह के बीच संबंध का पता चला था।

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीटर पी. नवरोथ ने कहा, ‘‘हमे संदेह है कि फेफड़े की बीमारी टाइप-2 मधुमेह का देर से आने वाला परिणाम है।’’

शोध से पता चलता है कि आरएलडी एल्बूमिन्यूरिया के साथ जुड़ा है। एल्ब्यूमिन्यूरिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेशाब का एल्ब्यूमिन स्तर बढ़ जाता है। यह फेफड़े की बीमारी व गुर्दे की बीमारी के जुड़े होने का संकेत हो सकता है, जो कि नेफ्रोपैथी से जुड़ा है। नेफ्रोपैथी-मधुमेह गुर्दे से जुड़ी बीमारी है।

शोध के निष्कर्षों का प्रकाशन पत्रिका ‘रेस्पिरेशन’ में किया गया है। इसमें टाइप-2 मधुमेह वाले 110 मरीजों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इसमें 29 मरीजों में हाल में टाइप-2 मधुमेह का पता चला था, 68 मरीज ऐसे थे, जिन्हें पहले से मधुमेह था व 48 मरीजों को मधुमेह नहीं था।
(आईएएनएस)

#बॉलीवुड डीवाज के फेवराइट बने झुमके


Diabetics,high risk,lung disease

Mixed Bag

Ifairer