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एकादशी निर्जला व्रत करने से समस्त इच्छाएं पूर्ण...

By: Team Aapkisaheli | Posted: 15 Jun, 2016

एकादशी निर्जला व्रत करने से समस्त इच्छाएं पूर्ण...  एकादशी निर्जला व्रत करने से समस्त इच्छाएं पूर्ण...
एकादशी निर्जला व्रत करने से समस्त इच्छाएं पूर्ण...
वृत्त वरणे अर्थात वरण करना या चुनना, वृत से ही व्रत की उत्पत्ति मानी गई है। श्रद्धालु एवं भक्तगण देवी-देवों के अनुग्रह की प्राप्ति के लिए अपने आचरण या भोजन को नियंत्रित करके उपवास रखते हैं।
एकादशी के दिन सुबह दांत अच्छी तरह से साफ करने के लिए जामुन, नींबू या फिर आम के पत्तों को चबाएं और अंगुली से कंठ साफ कर लें। एकादशी के दिन पेड से पत्ते नहीं तोडने चाहिए।

यदि पत्ते मिलना संभव न हो तो अपनी से बारह बार कुल्ला कर के स्नानादि से निवृत हो कर मंदिर जाकर गीती का पाठ करें या पंडितजी से गीता का पाठ का श्रवण करें।
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