ये टिप्स अपनाएं और सेक्स को यादगार
By: Team Aapkisaheli | Posted: 06 Mar, 2014
क्या ऎसे सवाल आपके मन में भी उठते हैं।
प्रारंभिक उम्र किशोरावस्था से युवावस्था में किशोरों को सेक्स की जो अधूरी जानकारी प्राप्त होती है, उसके कारणवंश अधिकतर जोडे शादी के बाद अपने इस अधूरी ज्ञान के साथ शारीरिक संबंध तो बना लेते हैं परन्तु इस अंतरंगता के रंग में छिपी दिलों की आत्मिता का मेल करने में चूक जाते हैं। इसका सबसे मुख्य कारण वैवाहिक जोडों का आपस में संबंधों को लेकर खुलकर बात करने में झिझक महसूस करना है। प्यार करना भी एक कला है और किसी भी अन्य कला की तरह ही आपको इसे बेहतर बनाने के लिए पूरी तैयारी करने की जरूरत है। इसलिए आज हम आपको प्यार की इस कला में महारत हासिल करने और एक यादगार लवमेकिंग के अनुभव के लिए कुछ जरूरी टिप्स बता रहे हैं। अब हम आपको कुछ शारीरिक सेंस के बारे में बतातें हैं। जो यौन संबंधों में और अधिक आकर्षण पैदा करते हैं।
प्यार करने की इस पाठशाला में कामक्रीडाओं की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। जिस प्रकार पुरूष या महिला एक दूसरे से शारीरिक रूप से भिन्न हैं। उसी प्रकार उनके प्यार को लेकर पंसद, नापसंद और तरीके भी भिन्न होते हैं। अगर हम पुरूषों की बात करें तो जहां वे शारीरिक रूप रंगा और स्र्पश मात्र से उत्तेजित हो जाते हैं, वहीं महिलाओं को एक अच्छा माहौल ज्यादा आकर्षित करता है। लेकिन अलग-अलग पसंद के बाद भी काम क्रीडाओं के 5 सेंसे ऎसे हैं जो महिला-पुरूष दोनों वर्ग को प्रभावित करते हैं। यों तो ये सेंस बहुत छोटी-छोटी बातों से जुडे हैं लेकिन इनकी अहमियत किसी को जीतने के लिए बनाई गई योजनाओं से कम नहीं हैं।
प्यार करने की इस पाठशाला में कामक्रीडाओं की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। जिस प्रकार पुरूष या महिला एक दूसरे से शारीरिक रूप से भिन्न हैं। उसी प्रकार उनके प्यार को लेकर पसंद, नापसंद और तरीके भी भिन्न होते हैं। अगर हम पुरूषों की बात करें तो जहां वे शारीरिक रूप रंग और स्र्पश मात्र से उत्तेजित हो जाते हैं, वहीं महिलाओं को एक अच्छा माहौल ज्यादाआकर्षित करता है। लेकिन अलग-अलग पसंद के बाद भी काम क्रीडाओं केसेंस ऎसे हैं जो महिला-पुरूष दोनों वर्ग को प्रभावित करते हैं। यों तो ये सेंस बहुत छोटी-छोटी बातों से जुडे हैं लेकिन इनकी अहमियत किसी को जीतने के लिए बनाई गई योजनाओं से कम नहीं हैं।
यहां इन पांच सेंस के बारे में जानते हैं-