अपनेआप से भी करें प्यार
By: Team Aapkisaheli | Posted: 17 July, 2013
खुद से प्रेम करना और दूसरों से प्रेम करना-ये दोनों बातें एक-दूसरे पर निर्भर करती हैं। दूसरों के लिए जीना नहीं सीखते तो खुद से भी प्यार नहीं कर सकते और खुद से प्यार नहीं कर सकते तो दूसरों के लिए भला कैसे जीना सीखेंगे। जब हम स्वयं अपने भीतर से खुश और संतुष्ट होते हैं तभी हमारी उपस्थिति दूसरों को भी प्रसन्न कर पाती है। अपने बारे में सोचना कोई अपराध नहीं है, लेकिन न सोचना अवश्य ऎसा त्याग है जिससे किसी का भला नहीं होता। रोजमर्रा के जीवन से कुछ उदाहरण लेकर इस धारणा को स्पष्ट किया जा सकता है-