गोवर्धन पर्वत की अनोखी कथा
By: Team Aapkisaheli | Posted: 18 Aug, 2014
इस पर्वत को भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। श्री गोवर्धन पर्वत मथुरा से 22 किमी की दूरी पर स्थित है। गोवर्धन पर्वत को गिरीराज पर्वत भी कहा जाता है।
लोगों का मानना है कि जब रामसेतुबंध का कार्य चल रहा था तो हनुमानजी इस पर्वत को उत्तराखण्ड से ला रहे थे। लेकिन तभी देववाणी हुई की सेतुुबंध का कार्य पूणे हो गया है, तो यह सुनकर हनुमानजी इस पर्वत को ब्रज में स्थापित कर दक्षिण की ओर पुन: लौट गए। क्या कारण था गोवर्धन पर्वत उठाने का इस पर्वत को भगवान कृष्ण को भगवान ने अपनी छोटी अंगुली से उठा लिया था। कारण यह था कि मथुरा, गोकुल,� वंृदावन आदि केलोगों को यह अति जलवृद्धि से बचाना चाहते थे। नगरवासियों ने इस पर्वत के नीचे इकठ्ठा होकर अपनी जान बचाई। अति जलवृद्धि इंद्र ने कराई थी । लोग इंद्र से डरते थे और डर के मारे सभी इंद्र की पूजा करते थे, तो कृष्ण ने कहा था कि आप डरना छोड दें मैं यहां हूं ना।