गोवर्धन पर्वत की अनोखी कथा
By: Team Aapkisaheli | Posted: 18 Aug, 2014
पर्वत को चारो तरफ से गोवर्धन शहर और कुछ गांवों ने घेर रखा है। ध्यान से देखने पर पता चलता है कि पूरा शहर ही पर्वत पर बसा है, जिसमें दो हिस्से छूट गए है उसे ही गिरिराज पर्वत कहा जाता है। इसके पहले हिस्से में जातिपुरा, मुखार्विद मंदिर, पंूछरी का लौठा प्रमुख स्थान है तो दूसरे हिस्से में राधाकुंड, गोविंद, कुंड और मानसी गंगा प्रमुख स्थान है। बीच में शहर की मुख्य सडक है उस सडक पर एक भव्य मंदिर है, उस मंदिर में पर्वत सिल्ला के दर्शन करने के बाद मंदिर के सामने के रास्ते से यात्रा प्रारम्भ होती है और पुन: उसी मंदिर के पास आकर उसके पास पीछे के रास्ते से जाकर मानसी गंगा पर यात्रा समाप्त होती है।