संकल्प के बल पर मनचाही सफलता
By: Team Aapkisaheli | Posted: 29 Apr, 2014
इच्छाशक्ति संकल्प जैसे बहुमूल्य सिक्के का दूसरा पहलू है। यह हमारे संकल्प को दृढता पदान करती है। इसलिए अपनी इच्छाशक्ति को कभी कमजोर नहीं होने देना चाहिए। इससे हमें निराशा जैसी नकारात्मक स्थिति से भी छुटकारा मिलता है। ईश्वर ने मनुष्य को बुद्धि और अनेकानेक संसाधनों के अलावा संकल्प करने की क्षमता भी पदान की है। संकल्प कर लेने के बाद अपने पिछले कायों, व्यवहार, अभ्यास, आदतों आदि पर स्वयं अपने आलोचक बनकर दृष्टि डालनी चाहिए। संकल्प कर्म के बिना व्यर्थ है। गलत ढंग से और बिना कार्य योजना के कर्म करते जाना भी व्यर्थ है। स्वयं अपने पति, अपने संकल्प के पति और अपने पयासों के पति ईमानदार रहना बेहद जरूरी है।
शिक्षा और कैरियर ही नहीं व्यवहार व आदतों के मामले में भी संकल्प महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संकल्प तथा कर्म से मिली सफलता किसी पैमाने से नापना व्यर्थ है। कोई सफलता छोटी या बडी नहीं।