शुरुआती जीवन में उच्च बीएमआई से दमा का खतरा ज्यादा
By: Team Aapkisaheli | Posted: 03 Sep, 2018
लंदन। शुरुआती तीन वर्षों में बच्चे के विकास से उसके फेफड़ों के विकास पर असर करता है और 10 साल की आयु में दमा का खतरा बढ़ जाता है। एक शोध में पता चला है।
हालिया शोध के अनुसार, जीवन के शुरुआती वर्षों में अत्यधिक वजन बढऩे से शिशुओं को लोवर लंग फंक्शन और बचपन के अस्थमा के खतरे को बढ़ सकता है।
नीदरलैंड के एरास्मस विश्वविद्यालय में हुए नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि जिन शिशुओं का वजन सर्वाधिक रफ्तार से और सबसे ज्यादा बढ़ा है, 10 वर्ष की आयु में उन्हें लोवर लंग फंक्शन की समस्या हुई।
विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और प्रमुख लेखक मेरिबेल कासस ने कहा कि अध्ययन में यह भी खुलासा हुआ है कि बच्चे का बॉडी मास इंडेक्स जितनी देर में अपने शिखर पर पहुंचेगा, उसके फेफड़े उतना ही अच्छा काम करेंगे और लडक़ों के मामले में दमा का खतरा कम हो जाएगा।
कासस ने कहा, ‘‘इन परिणामों से इसकी पुष्टि हो गई है कि शुरुआती वर्षों में विकास की फेफड़ों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है।’’
शोधकर्ताओं ने शोध प्रक्रिया में 10 साल तक के 4,435 बच्चों को शामिल किया था। इस दौरान उनके जन्म से पहले तीन साल तक उनके वजन और लंबाई पर नजर रखी गई।
(आईएएनएस)
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