श्राद्ध की विधि
By: Team Aapkisaheli | Posted: 20 Sep, 2013
पितृपक्ष में पिंडदान मृत्युतिथि के दिन ही किया जाता है। देवताओं और ऋषियों को जल देने के बाद पितरों को जल देकर तृप्त किया जाता है। पितृपक्ष में जिस तिथि को आपके पूर्वजों का स्वर्गवास हुआ हो उसी तिथि को गो-ग्रास देकर ब्रा�मण भोजन अवश्य कराना चाहिए। पिंडदान की क्रिया दोपहर में अधिक फलदायिनी होती है। इससे पितर प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से श्राद्ध करने वाले को धन-धान्य एवं पुत्र-पौत्रादि की प्रा�प्त होती है।