जानिए: अक्षय तृतीया के महत्व के बारे में
By: Team Aapkisaheli | Posted: 21 Apr, 2017
इस
दिन का महत्व जैन धर्म में भी बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन जैन
धर्म के प्रथम तीर्थकरश्री आदिनाथ भगवान ने एक वर्ष की पूर्ण तपस्या करनेके
पश्चारत गन्ने के रस से पारायण किया था। जैन धर्म में इसे वर्षीतप से
संबोधित किया जाता है। आज भी जैन धर्मावलंबी वर्षीतप की आराधना कर अपने को
धन्य समझते हैं, यह तपस्या प्रति वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्षकी अष्टमी से
आरम्भ होती है और दूसरे वर्ष वैशाख के शुक्लपक्षकी अक्षय तृतीया के दिन
पारायण कर पूर्ण की जाती है।
#पहने हों कछुआ अंगूठी तो नहीं होगी पैसों की तंगी...