जानिये:ईदमिलादुन्नबी का महत्व
By: Team Aapkisaheli | Posted: 23 Nov, 2017
बता दें कि ई-ए-मीलाद यानी ईदों से बडी ईद के दिन, तमाम उलेमा और शायर
कसीदा-अल-बुरदा शरीफ पढते हैं। अबर के सूफी बूसीरी, जो 13वीं सदी में हुए,
उन्हीं की नज्मों को पढा जाता है। इस दिन की फजीलत इसलिए और भी बढ जाती है
क्योंकि इसी दिन पैगम्बर साहब रूखसत हुए थे।
# जानें किस राशि की लडकी का दिल जितना है आसान!