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शिवरात्रि पर व्रत का महत्व

By: Team Aapkisaheli | Posted: 13 Feb, 2018

शिवरात्रि पर व्रत का महत्व
शिवरात्रि पर व्रत का महत्व
कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ पूरे सावन के महीने में धरती पर अपने भक्तों के बीच निवास करते हैं। इस पूरे महीने अगर जो भी सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है भगवान शिव की हमेशा कृपा बनी रही हैं। भगवान भोलेनाथ बहुत ही भोले हैं तभी तो जल्दी प्रसन्न होकर वे अपनी भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। शिव की पूजा में दूर्वा और तुलसी मंजरी से पूजा श्रेष्ठ मानी जाती है। शंकर की पूजा में तिल का निषेध है। शिवजी को सभी पुष्प प्रिय हैं। केवल चम्पा और केतकी के पुष्प का निषेध है। नागकेशर, जवा, केवडा तथा मालती का पुष्प भी नहीं चढ़ाया जाता है। निश्चित संख्या में जूही के फूल चढ़ाने से धन धान्य की कमी नहीं रहती है। हार सिंगार के पुष्प अर्पण करने से सुख सम्पत्ति की वृद्धि होती है। भांग एवं सफेद आक के पुष्प चढ़ाने से भोले शंकर शुभ आशीर्वाद प्रदान करते हैं। बिल्वपत्र, कमलपुष्प, कमलगटा के बीज चढ़ाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

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