जानें:करवा चौथ के महत्व के बारे में
By: Team Aapkisaheli | Posted: 17 Oct, 2016
ऐसा माना जाता
है कि यह व्रत सिर्फ विवाहिता स्त्रियों के लिए है परंतु अविवाहित कन्याओं
द्वारा भी इस व्रत को किए जाने के प्रमाण उपलब्ध हैं।फर्क सिर्फ
इतना ही है कि सौभाग्यवती महिलाएं चंद्रदर्शन के पश्चात व्रत तोडती हैं और
कन्याएं आसमान में पहले तारे के दर्शन के बाद व्रत समाप्त करती हैं। संभव
है कि लोकोक्ति पहला तारा मैंने देखा, मेरी मर्जी पूरी इस व्रत के कारण ही
शुरू हुई हो।