जानिये: मोहर्रम में ताजिया के महत्व को
By: Team Aapkisaheli | Posted: 06 Oct, 2016
ताजियादारी को मानने वालों की मान्यता है कि जब कोई पुत्र की
मन्नत पूरी होती है तो उस बच्चे को हर साल मोहर्रम माह में शेर की तरह
सजाया जाता है। यह शेर घर-घर जाकर चंदा-रोटी मांगते हैं और ताजियों के
जुलूस में तरह-तरह के करतब भी दिखाते हैं। इसी तरह ताजियों की एक
शक्ल दुलदुल घोडे भी हैं। दुलदुल एक मादा खच्चर को कहते हैं। पैगम्बर हजरत
मोहम्मद सल्ल को इस्कंदरिया के एक शासक ने दुलदुल भेंट किया था जिसे बाद
में हजरत मोहम्मद ने अपने दामाद हजरत अली को दे दिया था।