अमृतसर जहां अमृत बरसता है
By: Team Aapkisaheli | Posted: 30 Apr, 2017
जलियां वाला बाग ये देखो यहां चली थी गोलियां, ये मत पूछो किसने खेली यहां
ख्ूान की होलियां...‘एक तरफ बंदूकें दन दन एक तरफ थी टोलियां, मरनेवाले बोल
रहे थे इनकलाब की बोलियां’... महान गीतकार प्रदीप के द्वारा रचित देश
भक्ति कीत इन पंक्तियों में अमृतसर के जलियां वाला बाग का मार्मिक वर्णन
है।
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