लाइफ पार्टनर पर शक होते ही डीएनए टेस्ट
By: Team Aapkisaheli | Posted: 08 Jun, 2013
मामले
ऎसे भी लोग हैं जो सिर्फ डीएनए टैस्ट इसलिए कराने पहुंच गये कि कहीं वे राजघराने से तो ताल्लुक नहीं रखते। महान महाशय तो सिर्फ इसलिए अपना डीएनए टेस्ट इस विश्वास के साथ करवा लिए कि वे मंगोल शासक चंगेज खान के वंशज हैं। एक दंपती के बेटे की खेलकूद में कुछ ज्यादा ही रूचि थी। तो उन्होंने यह जानने के लिए बेटे का डीएनए टेस्ट कराया कि क्या उनके बेटे में खिलाडी के गुण है या नहीं । टेस्ट में जब यह बात सही हो गयी तो उन्होंने बच्चो पर पढाई के लिए दबाव बनाना बंद कर दिया । अब तो माता-पिता अपने बच्चो के डीएनए टेस्ट द्वारा यह जानना चाहते हैं कि उनका बच्चाा बडा हो कर क्या बनेगा। कई मामलों में दंपती बच्चो के जन्म से पहले सिर्फ यह जानने के लिए कि उनका बच्चाा स्वस्थ होगा या नहीं प्रीनेटल या बेंबी स्क्रींनिग कहा जाता है। यह टेस्ट डॉक्टरी की सलाह पर कराया जाता हैं इससे कई तरह की बीमारियों का तो पता लगाया जाता हैं,वहीे यह भी जवा लगता है कि बच्चों के जीन्स में डाइबिटीज या कैंसर जैसे कोई गंभीर रोग विकासित होने के लक्षण तो नहीं । कुछ लोग तो गंजेपन से भागनेवाले लोग जवानी में ही डीएनए जांच से यह पता लगाना चाहते हैं कि कहीं बुढापे में वे गंजे तो नहीं हो जाएंगे तो वे इसका पता चलते ही वे समस्या से बाल झडने का ट्रीटमेंट कराना शुरू कर देते हैं। कुछ गलती भी पकडी हैं काबुल में एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ जिसके अवशेषों में सिवाय राख के कुछ नहीं मिला। सारी राख को इकटठी करके 15 अलग लोगों के डीएनए पहचाने गए जिन्हें फिर उनके संबंधियों मैच किया गया । एक शहर के निजी नर्सिग होम में दंपती को बताया कि उनके बेटा हुआ है लेकिन डिलीवरी के कुछ घंटों के बाद जब बच्चाा उनको दिया गया, तो वह वह लडकी थी । नर्स ने बताया कि दरअसल उनकी बेटी हुई थी, पर डिलीवरी रूम की नर्स ने गलती से बेटा बता दिया था। फिर दंपती ने उन्हीं जन्म लेने वाले बच्चाों से अपना डीएनए मैच कराया तो टेस्ट में लडके से मैच हुआ।