चंद्रराशि अनुसार प्रेम संबंध [कर्क राशि]
By: Team Aapkisaheli | Posted: 04 Nov, 2017
कर्क
+ मेष : कर्क राशि वाले अति संवेदनशील व कोमल भावनाओं के स्वामी हैं।
आपका सबसे ब़डा गुण आपकी flexibility होती है जो आपको हर परिस्थिति में
सामंजस्य करने की प्रेरणा देती है। विपरीत गुणों के कारण आपमें परस्पर
आकर्षण बना रहता है। एक बर्फ का गोला है तो दूसरा बारूद का धमका है, एक में
अनुशासनप्रियता है तो दूसरे में अनुकूलनशीलता है, एक वक्त का गुलाम है तो
दूसरा वक्त का सरताज है, एक नेतृत्व करता है तो दूसरा अनुकरण करने के लिये
तत्पर रहता है। इन विपरीत गुणों के कारण आपके प्रेम का पौधा रिश्तों में
परिवर्तित होकर विशाल वृक्ष का रूप धारण कर लेता है। मेष को चाहिये कि
dominating स्वभाव को छो़डकर कर्क वालों के विचार व भावनाओं का सम्मान
करें। कर्क के संपर्क से मेष के अंतर्मन की जागृति होती है कि जीवन केवल
"गणित ही नहीं अपितु साहित्य" भी है और मेष के संपर्क से कर्क को "जीवन
भावना का ही नहीं अपितु यथार्थ का भी नाम" है, प्रेरणा मिलती है।
कर्क + वृषभ : आप दोनों राशियों के मध्य उत्पन्न प्रेम "मील का पत्थर"
साबित होता है। आप दोनों में सौंदर्य के प्रति तीव्र आकर्षण तथा उसे
प्राप्त करने का जुनून होता है। आप दोनों ही सौन्दर्य प्रेमी तथा कोमल
भवनाओं के स्वामी हैं। आप दोनों एक दूसरे की कार्यक्षमता व विचारों का
स्वागत करती है। आप दोनों एक दूसरे के विरूद्ध प्रतिक्रिया नहीं देती अपितु
परस्पर भावनाओं की कद्र करते हुये तालमेल बिठाने का प्रयास करती है। वृषभ
के संपर्क से कर्क में धैर्य, सहनशीलता व स्थिरता जैसे गुणों का समावेश
होता है और कर्क के संपर्क से वृषभ में mutual understanding आती है, जो
किसी भी संबंध को बनाये रखने के लिये आवश्यक है। वृषभ वालों को अपने
विचारों को थोपने से बचना चाहिये।
कर्क + मिथुन : आप दोनों राशियों में उत्पन्न प्रेम संबंध भी अच्छा रहता
है। कर्क वाले अपने शर्मीले स्वभाव के कारण प्रेम की अभिव्यक्ति नहीं कर
पाते, लेकिन मिथुन "पहले आप" के चक्कर में न प़डकर if you love some one,
express it कह डालते हैं। आपकी अभिव्यक्ति इतनी सशक्त और व्यवहारिक होती है
कि कर्क वाले उसे अस्वीकार नहीं कर पाते। मिथुन के संपर्क से कर्क को
विभिन्नता, विविधता व नवीनता तथा कर्क के संपर्क से मिथुन को सौम्यता,
सरलता व सहजता प्राप्त होती है। एक दूसरे के संपर्क ये जिन्दगी आपके लिये
"मुस्कराहट का पर्याय" बन जाती है। कर्क वाले भावनात्मक रूप से कमजोर होते
हैं अत: मिथुन वालों को उन्हें भावनात्मक सुरक्षा प्रदान करनी चाहिये।
कर्क + कर्क : आप दोनों के मध्य उपजा प्रेम पिंजरे में कैद पक्षियों की
तरह होता है। समान गुण, समान परिवेश तथा समान सोच आपमें परस्पर आकर्षण भले
ही ना पैदा नहीं करती हो, लेकिन संबंधों को निभाने की अच्छी समझ देती है।
आप दोनों ही कोमल व उदात्त भावनाओं के स्वामी हैं। अगर आप दोनों के मध्य
प्रेम उत्पन्न हो जाये तो filmy style में ढल जाता है। प्रेम ही आपके लिये
आदि और अन्त बन जाता है। प्रेम ही जीवन का चरम लक्ष्य हो जाता है। प्रेम
से परे न दिखाई देता है और न ही देखने का प्रयास करते हैं। आप दोनों एक
दूसरे को dominate करने का प्रयास नहीं करती अपितु एक दूसरे को सहयोग
प्रदान कर दृढ़ता का आधार तैयार करती है।
कर्क + सिंह : आप दोनों राशियों के मध्य एक आकर्षण होता है और वह खिंचाव
आपको रिश्तों में बंधने के लिये प्रेरित करता है। कर्क राशि सिंह के संपर्क
में आकर भावनात्मक सुरक्षा का अहसास करती है और सिंह कर्क के संपर्क में
आकर पूर्णता प्राप्त करता है। सिंह राशि वाले स्वतंत्र विचारों व विशाल
ह्वदय के स्वामी होते हैं। अपने कार्य सीमा में किसी का हस्तक्षेप आपको सहन
नहीं होता। आपको अपने निरंकुश स्वभाव पर नियंत्रण करने का प्रयास करना
चाहिये क्योंकि कर्क राशि वालों की कोमल भावनायें आहत हो सकती है। आप
पृथ्वी के विपरीत दो धु्रवों के समान है जो अदृश्य डोर से आपको बाँधे रखती
है। आप दोनों का कार्यक्षेत्र अलग होता है, जिसके कारण आप परस्पर हस्तक्षेप
नहीं करते, यह संबंध सफल रहता है।
कर्क + कन्या : आप दोनों के मध्य सम्बन्ध उत्तम रहता है। कर्क की
कल्पनाशीलता में कन्या ही सजीवता के रंग भरती है। आपके पास चित्र है तो
कन्या के पास तूलिका है। कन्या की रचनात्मकता आपकी कल्पनाओं का आकार प्रदान
करती है। विनम्रता, कोमलता एवं सरसता दोनों राशियों के स्वभाव में है। आप
दोनों एक दूसरे की भावनाओं का पूर्ण सम्मान करते हैं। कर्क की सामंजस्यता
तथा कन्या की अनुकूलनशीलता आपको एक दूसरे के प्रति सह्वदयी बनाती है। कन्या
के संपर्क से कर्क को जो़ड-तो़ड का गणित व रचनात्मक शैली प्राप्त होती है
और कर्क के संपर्क से कन्या को भावनाओं की उठक-पटक की अतरगंता का ज्ञान
होता है। परस्पर निर्भरता आपके संबंधों को सफल बनाती है।
कर्क + तुला : आप दोनों के मध्य प्रेम संबंध उत्तम तथा शुभ परिणामदायी
रहता है। तुला वाले जब किसी से प्यार करते हैं तो गहराई तक उतरने की चाहत
रखते हैं लेकिन उनकी love starting होती है बाह्य आकर्षण को लेकर। प्यार
उनके लिये अध्यात्म का विषय नहीं है अपितु सौन्दर्य से प्रेरित अभिव्यक्ति
है। रूका हुआ जल ठहर जाता है और प्रवाहित जल आसपास के क्षेत्रों को सींचता
चलता है। ऎसा ही होता है तुला के संपर्क में कर्क राशि के आने पर। दोनों ही
राशियां चंचल व गतिवान है। आपके लिये जिन्दगी चलने का नाम है, ठहरने का
नहीं। स्त्री व पुरूष राशि होने के कारण आकर्षण बना रहता है। आप प्रेम करते
हैं तो उसके प्रवाह में बह जाते हैं और प्रेम प्राçप्त ही आपका उद्देश्य
हो जाता है। कर्क राशि वाले बहुत सौम्य, सरल तथा बहुत caring होते हैं।
निराशा के क्षणों में वे आपके लिये प्रेरणा के स्रोत बन जाते हैं, तो
मुश्किलों के समय पथप्रदर्शक के रूप में कार्य करते हैं। दोनों ही राशियाँ
एक दूसरे को साथ लेकर चलने वाली होती है और अपने अहम् को नहीं टकराने देती
हैं।
कर्क + वृश्चिक : आप दोनों ही भावनाओं व संवेदनाओं से प्रेरित राशियां
हैं। आप दोनों के मध्य उत्पन्न प्रेम "दो बदन एक जाँ" बनकर रह जाता है।
प्रेम होने के बाद आप दोनों एक दूसरे से अलग नहीं रह सकते। वृश्चिक वालों
को अपनी "बाल की खाल" निकालने वाली आदत छो़डकर सामने वाले की भावनाओं को
समझना चाहिये। वृश्चिक के संपर्क से कर्क को ऊर्जा व उत्साह मिलता है तो
कर्क के संपर्क से वृश्चिक को निश्चल व स्वार्थ रहित प्रेम की अभिव्यक्ति
की प्रेरणा प्राप्त होती है। वृश्चिक वाले प्रेम करेंगे नहीं अगर इन्हें
प्रेम हो जाय तो सारी उम्र उस प्रेम के सहारे ही गुजार देते हैं। प्रेम
आपके लिये खिलौना नहीं जो वक्त के साथ बदलता रहे। आप अपने प्यार में अधिक
सफल हो सकते हैं जब रहस्यवादी पुट छो़डकर पारदर्शी हो जाये।
कर्क + धनु : यद्यपि आप दोनों राशियों में आग और पानी का वैर होता है
तथापि स्त्री पुरूष राशियाँ होने के कारण परस्पर पर्याप्त आकर्षण भी होता
है। धनु राशि अन्तर्मुखी स्वभाव होने के कारण अपने प्रेम की अभिव्यक्ति
आसानी से नहीं कर पाते। अगर आपको प्रेम हो जाय तो आप अपने प्रति अधिक कठोर
हो जाते हैं और "प्रेम विपरीत" व्यवहार करने लगते हैं और इंतजार में रहते
हैं कि सामने वाला खुद व खुद आपके प्यार की भाषा समझे और स्वीकार करे।
मित्र धनु आप इस इंतजार में न रहें, आज का जमान बहुत fast है। प्रेम की
ग़ाडी आपके प्लेटफॉर्म को cross कर जायेगी और आप प्यार की सीटी बजाते रह
जायेंगे। कर्क राशि के रूप में आपको खुला आसमान मिला है और प्यार के पंख
लगाकर आप उ़डने के लिये तैयार रहे।
कर्क + मकर : आप दोनों का प्रेम संबंध आकर्षण पर नहीं अपितु आवश्यकताओं पर
आधारित होता है। मकर वाले प्रेम संबंधों को लेकर बहुत ही diplomatic and
possessive रहते हैं और इस स्वभाव के कारण आप प्यार कम झग़डा अधिक कर लेते
हैं। आपका possessive nature आपको शंकालु और ईष्यालु बना देता है। मि.
मकर रिश्ते तो यह स्वभाव एक हद तक बर्दाश्त कर लेते हैं लेकिन प्रेम संबंध
नहीं। कही यह न हो कि आपके प्यार का पंछी उ़ड जाय और आप iद्यह्व-iद्यह्व
करते रह जाये। अगर आपको कर्क वालों से प्रेम संबंध बनाने हैं तो हर समय
अपनी परम्पराओं व मर्यादाओं की दुआई न दें। आप उन्हें वक्त और प्यार दें,
वे हर रूप में अपने को ढालने को तैयार रहेंगे। आप दोनों का मिलान पूरब +
पश्चिम का मिलन साबित होता है। अपनी अलग-अलग पहचान लिये आपके प्रेम संबंध
विवाह संबंध में परिवर्तित हो जाते हैं।
कर्क + कुंभ : आप दोनों के मध्य प्रेम संबंध नयी परिभाषायें बनाते हैं।
आपके प्रेम आदर्श व धर्म का ही प्रतिरूप होता है और सतत् प्रयासों द्वारा
ही इसे प्राप्त करना आपका ध्येय रहता है। इतना गंभीर दृष्टिकोण आपको प्रेम
के प्रति उदासीन कर सकता है। अत: आदर्शवाद के साथ-साथ कुछ स्वच्छंदता का भी
प्रवेश होने दें। आप "लकीर के फकीर" न बने रहें और अपने विचार एक दूसरे पर
थोपने से बचे। अपनी कटुता को अगर नोंक-झोंक तक ही सीमित रखेंगे तो यह
"नोंक-झोंक" प्रेम माधुर्य को बढ़ाने वाली होगी। आपका प्रेम धीरे-धीरे ही
संबंधों की रूपरेखा तैयार करने वाला होगा।
कर्क + मीन : आप दोनों के मध्य के संबंध कब प्यार में तब्दील हो जाते हैं ।
आपको इसका अहसास हो नहीं पाता। आप दोनों में एक दूसरे के प्रति पूर्ण
समर्पण रहता है और जीवन की आवश्यकतायें प्यार में रूकावटें नहीं डालती।
आपकी अनुकूलनशीलता अद्भूत होती है और प्रत्येक परिस्थिति व घटना को
आनंदपूर्वक लेते हैं। मीन के संपर्क से कर्क को सात्विकता, गंभीरता व
धैर्यता का अहसास होता है और कर्क के संपर्क से मीन को गहराई, निश्चलता व
स्वच्छंदता का अहसास होता है। परस्पर संबंध नई अनुभूतियों को जन्म देते, जो
प्रेम के अहसास को जीवंत बनाये रखती है। मीन को हर समय उपदेशात्मक व्यवहार
करने से बचना चाहिये क्योंकि प्यार नेतृत्व नहीं अपितु सुखद सत्ता है।
आपको अधिक अहंवादी तथा दार्शनिक होने से भी बचना चाहिये क्योंकि आपका अहम्
कर्क के स्वाभाविक, आत्मसम्मान को ठेस पहुँच सकती है।
आभार: एस्ट्रोब्लेसिंग डॉट कॉम
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