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याददाश्त बढ़ाने के उपाय

By: Team Aapkisaheli | Posted: 18 Nov, 2017

याददाश्त बढ़ाने के उपाय
याददाश्त एक व्याख्यात्मक विचार है। वैज्ञानिकों के याददाश्त की परिभाषाहै कि पूर्व अनुभवों, जानकारियों और विभिन्न विचारों का मस्तिष्क से समयानुसार उनका उभरना और संग्रहण ही याददाश्त है। याददाश्त की क्षमता किसी व्यक्ति में कम और किसी में ज्यादा होती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि याददाश्त मस्तिष्क में न्यूरॉन्स के बीच जुडाव की मजबूती पर भी निर्भर करती है। याददाश्त सूचना पर भी निर्भर करती है। जो सूचना प्रिय या रोमांचकारी होती है, वह रूखी या गैर दिलचस्प या सामान्य सूचना की अपेक्षा ज्यादा याद रहती है। ब्वॉयफ्रेंड पर था शक, सच्चाई जान रह गई सन्न

मैमोरी के प्रकार
याददाश्त को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
1.शॉर्ट टर्म मैमोरी  2. लॉन्ग टर्म मैमोरी।
शॉर्ट टम मैमोरी वह है जो कुछ मिनटों या कुछ दिनों तक टिकती है, जबकि लॉन्ग टर्म मैमोरी लंबे समय तक दिमाग में स्थान बनाए रखती है, जैसे बचपन के दिनों याद या वृद्ध लोगों में विवाह की याद आदि। किसी व्यक्ति की दीर्घावधि याददाश्त अच्छी और अल्पावधि याददाश्त कमजोरी हो सकती है।दहेज में मिलेंगे 1200 करोड, फिर भी शादी से डर रहे लडके! कैसे काम करती है
मैमोरी मैमोरी ब्रेन में इपिंरट होती है, जिसे हम बाद में दोहरा सकते है। जैसे की हम पहले ही बता चुके है कि मैमोरी दो प्रकार की होती है शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म। जैसे कि शब्दकोष लॉन्ग टर्म मैमोरी है और दो दिन पहले परीक्षा की तैयारी शॉर्ट टर्म मैमोरी है। मैमोरी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है किसी चीज को पहचानना, संचित और एकत्रित करना और जरूरत पडने पर उसे दोबारा काम में लेना। तनाव का असर आपकी मैमोरी पर पडता है। ज्यादातर लोग एक साथ कई काम करने से तनाव में रहते है, इससे उनकी मैमोरी पर असर पडता है और वे जल्दी भूल जाते है। इसके अलावा डिमेशिया के कारण भी लोग मैमोरी लूज करते है डिमेशिया में ब्रेन टिशूज डमेज होते है, कुछ मामलों में इसे शुरूआती स्तर पर ठीक या नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन कई मामले में ऎसे भी होते है जिनमें खोई हुई मैमोरी वापस आना काफी मुश्किल हो होता है।
क्यों भूलते हैं
कई बार हम चीजों को याद नहीं रख पाते। ऎसा क्यों होता है। चिकित्सक इसका कारण एंग्जायटी डिसऑर्डर बताते हैं। एंग्जायटी डिसऑर्डर से पीडित लोग ज्यादा भुलक्कड होते है क्योकि वे अव्यवस्थित रहते है। आज की अति सक्रिया जीवन शैली में सूचनाओं की बमबारी सी हो रही है, ऎसे में लोग कंफ्यूज होकर परेशान हो जाते है। ज्यादा सूचनाओं के कारण हम कई बार मतलब की बाते भूल जाते है। तनाव भी इसका एक कारण है। तनाव में रहना भी बार-बार चीजों को भूलने का खास कारण है।
क्या करें
1. याददाश्त सही रखने के लिए दिमाग को अनुशासित रखना जरूरी है। अगर आप बार-बार चीजों को भूल जाते हैं तो आप उन कामौं को जा आपको करने हैं, उन्हें कागज पर उतार कर रखें और बार-बार उन्हें चेक करते रहें। जैसे घर से निकलते समय चेक करे कि आपके बैग में मोबाइल, डायरी, नोट पेड, जरूरी कागजात, लंच बॉक्स, सनग्लास, ऑफिस/ड्राअर की चाबी आदि चीजें रखी हुई है। या फिर आपको कोई ऑफिस से आते समय कोई सामान खरीदना है।
2. किसी मीटिंग में जाने या किसी को फोन करने से पहले, जिन मुद्दों पर बातचीत करनी है, उनसे संबंधित खास बिंदुओं को नोट करना। ऎसा करने से आप जरूरी बात नहीं भूलेंगे ।
3. आंकडो, सूचनाओं को सरल भाषा और पैटर्नü में याद करे और नोट करे। मुख्य बिंदु बनाने की आदत डाले, बडी सूचनाओं को छोटे-छोटे टुकडों में बांटे।
4. दिमागी कसरत वाले खेल खेलें। जैसे वर्ग पहेली, पजल्स, क्रिप्टोग्राम, वर्ड-सर्च, स्क्रेबल आदि। दोहराना बेहद महत्वपूर्ण और जरूरी आदत है
5. नींद सबसे जरूरी है। कम सोना सेहत और दिमाग दोनों के लिए हानिकारक है इसलिए नींद पूरी ले, तनाव रहित रहने की कोशिश करें और नियमित रूप से मेडिटेशन और योग करे।
6. अपने कार्यो का प्लानर मैटेन करे। कार्यो को सूचीबद्ध और योजनाबद्ध करे। ज्यादा महत्वपूर्ण कार्यों पर निशान या स्टार मार्क लगाकर उन्हें प्राथमिकता दे।
7. एक छोटी सी नोटबुक रखे। उसमें हर महत्वपूर्ण बात संक्षेप में नोट करे, बाद में नोटबुक देखने की प्रवृति से बचे। इससे आपको चीजें धीरे-धीरे याद रहने लगेगी।बालों को चमकदार और खूबसूरत बनाता है...
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