चद्रयान-2 मिशन को पूरा करने में इन दो महिलाओं का रहा महत्वपूर्ण योगदान
By: Team Aapkisaheli | Posted: 27 July, 2019
आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना कमाल बखूबी निभा रही है। चाहे
वो खेल हो, कॉपरेट सेक्टर, राजनिती, कला या फिर विज्ञान का क्षेत्र हो
महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ रही हैं। हाल ही में इसरों में काम करने
वाली दो महिलाओं मुथिया वानिता और रितु करिधाल श्रीवास्तव ने भारत को गौरव दिलवाया। मुथिया वानिता और रितु करिदाल ने ईसरो के अतंरिक्ष मिशन चद्रंयान-2 में
इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
चंद्रयान-2 का पूरा नेतृत्व इन्हीं
दो महिला वैज्ञानिकों के हाथ में रहा। इसरो की रिपोर्ट के मुताबिक, इसरो के
अंतरिक्ष मिशन में ऐसा पहली बार हुआ हैं। इनमें मुथिया वानिता प्रोजेक्ट
डायरेक्टर के तौर काम किया तो रितु करिढाल इस पूरे मिशन डायरेक्टर थी।
दोनों महिलाओं को करीब 20 वर्ष का अनुभव है। इसरो के अनुसार चंद्रयान-2 को
संभव करने वाले स्टाफ में 30 प्रतिशत महिलाएं थीं।
यदि सबकुछ ठीक
रहा तो चंद्रयान-2 दुनिया का पहला ऐसा मिशन बन जाएगा जो चांद की दक्षिणी
सतह पर उतरेगा। यह वह अंधेरा हिस्सा है जहां उतरने का किसी देश ने साहस
नहीं किया है।
इससे पहले 2008 में चंद्रयान-1 और 2013 में मार्स
ऑर्बिटर मिशन को अंजाम दिया गया था। यह भारत का तीसरा मिशन है।
जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल मार्क 3 भारत में अब तक का सबसे शक्तिशाली बना
रॉकेट है। यह चंद्रयान-2 को चंद्रमा की कक्षा तक ले जाएगा।
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