चेहरे पर मुंहासे और बाल से महिलाओं में तनाव का खतरा
By: Team Aapkisaheli | Posted: 15 Jan, 2019
देश में पांच से आठ प्रतिशत महिलाएं
हिरसुटिज्म से पीडि़त हैं। हार्मोन के असंतुलन के कारण मुंहासे भी होते हैं
और यह पीसीओएस का लक्षण है। यह दोनों लक्षण महिला की शारीरिक दिखावट को
प्रभावित करते हैं और इनका उपचार न होने से महिला का आत्मविश्वास टूट जाता
है और उनका अपने प्रति आदर कम होता है। मुंहासे से पीडि़त 18 प्रतिशत
रोगियों में गंभीर डिप्रेशन और 44 प्रतिशत में एन्ग्जाइटी देखी गई है।
डॉ.
आहूजा ने कहा, ‘‘पीसीओएस से पीडि़त महिलाओं की भलाई सुनिश्चित करने के लिए
समाज और परिवारों को साइकोलॉजिकल तनाव को समझने और साथ ही पूरे
आत्मविश्वास के साथ दुनिया का सामना करने के लिए उन्हें सहयोग देने के लिए
प्रयास करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अधिकांश महिलाओं को इन
स्थितियों का बोध नहीं है और वे चिकित्सकीय मार्गदर्शन के बिना सामयिक
उपचार लेती हैं, जिससे त्वचा खराब हो सकती है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि
अगर आप लक्षणों का उपचार नहीं करेंगे, तो मुंहासे और चेहरे पर बाल दोबारा आ
जाएंगे।’’ (आईएएनएस)
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