अनचाहे गर्भ से बचाव अब बहुत ही आसान
By: Team Aapkisaheli | Posted: 03 Aug, 2013
सर्जिकल गर्भपात अगर किसी वजह से गर्भ 9 सप्ताह से अधिक समय का हो गया है। तो इस से छुटकारा पाने के लिए सर्जिकल गर्भपात सुरक्षित होगा। पहले 12 सप्ताह में सक्षन विधि डायलेटेशन एण्ड इवेक्यूएशन से गभपात सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। यह एक छोटा सा ऑपरेशन होता है जिस में गर्भाशय ग्रीवा को सुन्न कर दिया जाता है। गर्भाशय के लिए गर्भाशय ग्रीवा को डायलेटर से चौडा किया जाता हैऔर सक्शन केन्यूला लगा कर गर्भाशय में पल रहे गभ्र को सकिंग तकनीक सेबाहर निकाला जाता है। जैसे ही टिशू निकाल दिया जाते हैं गर्भाशय पुन: संकुचित हो कर अपने सामान्य आकार का हो जाता है और बाकी बचे अंशों को भी बाहर धकेल देता है। अधिकतर महिलाओं को इस दौरान मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्दजैसी पीडा उठती है। ऎसा बहुत कम होता है कि दर्द की लहर ना उठे। जैसे ही टयूब हटाई जाती हैदर्द जैसी पीडा उठती है। ऎसा बहुत कम होता है कि दर्द की लहर ना उठे। जैसे ही टयूब हटाई जाती है दर्द अपने आप कम हो जाता है। इसे पूरी प्रक्रिया में 5 से 10 मिनट का समय लगता है। प्राकृतिक या मेडिकल गर्भपात के बाद भी जिन महिलाओं के गर्भ के कुछ अंश गर्भाशय में रह जाते हैं, उन की क्लीनिंग भी इसी तकनीक से की जाती है। कुछ घंटों के लिए मरीज को अस्पताल में रखा जाता है फिर घर भेज दिया जाता है। इस आपरेशन के बाद कुछदिन तक एंटिबायोटिक और दर्द निवारक दवाएं लेना जरूरी होता है। इस तकनीक से गर्भपात में कुछ जटिलताएं हो सकती हैं लेकिन यह आशंका 2 प्रतिशत से भी कम होती है। गर्भपात के दौरान गर्भाशय में छूट गए अंश या टिशू चिंता का कारण हो सकते हैं। वैसे तो इन्हें बाहर निकालने के लिए गर्भाशय स्वयंमेव संकुचित हो जाता है। लेकिन अगर किसी वजह से गर्भाशय संकुचित नहीं होता है तो इसे संकुचित करने केलिए दवाएं दी जाती है। अगर दवाओं से लाभ नहीं होता तो डीएसी करनी पडती है। गर्भपात के दौरान औजारों का प्रयोग होता है और गर्भद्वार भी खुला होता है। औजारों के माध्यम से व खुले गर्भद्वार से इन्फेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया जाने का खतरा होता है।
18 से 20 सप्ताह बीतने के बाद गर्भ से मुक्ति पाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि इतने समय में गर्भ में भू्रण आकार ले चुका होता है। गर्भाशय ग्रीवा को चौडा करने के लिए प्रोस्टाग्लेंडिग या वैसी ही कोई दवा गर्भाशय में संकुचन की लहर उठे। स्थिति अनुकूल होने पर गर्भाशय को शल्य द्वारा खाली कर दिया जाता है। कानून के अनुसार इतनी अवधि के गर्भ गिराने के लिए गर्भपात के समय कम से कम 2 महिला रोग विशेषज्ञ डाक्टरों का उपस्थितरहना जरूरी है। दवा से परहेज बेहतर है यानि अगर आप को बच्चा नहीं चाहिए तो गर्भनिरोधक का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें। महिलाओं के लिए एक और अच्छी खबर ये है कि अब बाजार में ऎसी दवाएं भी उपलब्ध हैं जो गर्भ को रोकने के लिए समागम के 36 घंटे बाद तक प्रभावशाली रहती हैं। अगर कभी गलती से असुरक्षित संबंध हो जाते हैं तो तुरंत इन दवाओं के सेवन से अनचाहे गर्भ सेबचा जा सकता है।