जानिए: Guru Purnima के बारे में...
By: Team Aapkisaheli | Posted: 19 July, 2016
आषाढ मास की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन गुरू पूजा का विधान है। गुरू पूर्णिमा वर्षा ऋृतु के आरम्भ में आती है। इस दिन से चार महीने तक परिव्राजक साधु-सन्त एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। ये चार महीने मौसम की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ होते हैं। न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी। इसलिए अध्ययन के लिए उपयुक्त माने गए हैं। जैसे सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा से शीतलता एवं फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, वैसे ही गुरू-चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शन्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है।