फाइनैंस में एमबीए करना सही ऑप्शन
By: Team Aapkisaheli | Posted: 10 Jun, 2014
सुपर स्पेशियलिटी वाले एमबीए दरअसल एमबीए प्रोग्राम की फिलोसफी के ही खिलाफ जाते हैं, उदाहरण के लिए फाइनैंस में एमबीए को लें। इसे करने वाले छात्र को किसी सीए की तुलना में क्वांटिटेटिव फाइनैंस, टैक्सेशन और ऑडिट आदि की जानकारी कम होती है। इसके बावजूद कंपनियां अभी भी वित्त में एमबीए कोर्स किए हुए लोगों को नियुक्त करती हैं। यह साबित करता है कि एंप्लायर्स किसी खास टॉपिक की समझवाले एंप्लाई की जगह वास्ट नॉलेज वाले लोगों को रखना पसंद करते हैं। ऎसे में आज सुपर स्पेशियलिटी वाले एमबीए कार्यक्रमों से फिलहाल बचा जाए तो बेहतर है, क्योंकि ऎसे प्रोग्राम अमूमन किसी मैनेजमेंट प्रोग्राम की मूल भावना का उल्लंघन करते हैं।