रोमांस और महिलाओं की सोच
By: Team Aapkisaheli | Posted: 05 Feb, 2014
नाम के बनते रिश्ते
आज की नारी यौन सुख की चाहत में इतनी फंस चुकी है कि गलत सही की बात पहले दिमाग में नहीं आती और अगर आती भी है तो उसे बखूबी तरीके से संभाल भी लेती है। अब रिश्ते सिर्फ नाममात्र के रह गए हैं। रिश्तों में रह गया है सिर्फ ग्लैमर लाइफ व अपनी जरूरतें, जिसके चलते पर पुरूष की बनने में देर नहीं लगती। आज की नारी आधुनिकता की चादर में लिफ्टी हुई इतनी आगे निकल आई है कि वह हर चीज में खुद की खुशी ढूंढती है। वह दूसरे का दामन थामने और पहल करने में भी पीछे नहीं रहती।