बच्चों के सामने रोमांस
By: Team Aapkisaheli | Posted: 02 Nov, 2017
अक्सर
देखने में आता है कि बच्चों के बडे होते ही पति-पत्नी का एक-दूसरे के
प्रति प्यार कम होता जाता है, जिसका परिणाम उन्हें पता नहीं हाता है और जब
पता चलता है तब तक वह एक-दूसरे से काफी दूर हो चुके होते है। यह समस्या
बहुत सारे दंपतियों के बीच होती है। औसतन हर मध्यम वर्गीय परिवार में
पति-पत्नी यह सोचने लगते है कि बच्चों हो जाने के बाद उन्हें सिर्फ मां-बाप
की ही भूमिका निभानी है। वह बच्चों के सामने आपसी प्रेम तक दर्शाने से
हिचकिचाते है। बच्चों के सामने पति-पत्नी एक-दूसरे के प्रति आपसी प्यार
जताने में इतना हिचकिचाते है कि उन्हें एहसास ही नहीं रहता कि ये धीरे-धीरे
एक दूसरे से कितना दूर होने लगते है। हर समय पति पापा और पत्नी मां का
मुखौटा पहने ही दिखाई देना चाहती है। आखिर पति-पत्नी का आपसी प्रेम बच्चों
के जन्म के बाद प्रेमियों का रूप छोडकर सिर्फ माता-पिता का रूप क्यो धारण
कर लेता है।
भारतीय दंपत्तियों के बीच यह आम बात है कि वह बच्चें के सामने अपने संबंधों
को लेकर शरमाते है या फिर उनके सामने बहुत अधिक दूरी रख व्यवहार करते है।
फिर हाथ पकडना जैसी हरकते तो दूर की बात है, अकसर मां बच्चों को पालने में
इतनी खो जाती है कि वे इस बारे में सोचना ही छोड देती है। उनके लिए प्रेम
मुहब्बत कॉलेज की बचकानी बातें लगती है। यही वजह है कि उनके दांपत्य जीवन
में जल्द ही नीरसता आ जाती है और उनके बीच बाते करने का बस एक ही टॉपिक नजर
आता है, वह है घर की दाल तरकारी और बच्चे।
इस वजह से पति भी घर आने से बचते है कि बेकार बोरियत होगी और पत्नियों को
भी लगता है कि पति जल्दी ऑफिस जाएं तो वह जल्दी घर व बच्चों का काम
निपटाएं। इस तरह उनके जीवन में कोई उमंग, प्यार व रोमांस नहीं रह जाता,
जिससे उनके दांपत्य जीवन की नींव धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। दूसरे,
उन्हें लगता है कि बच्चें के सामने ऎसी हरकते करेंगे या प्यार का प्रदर्शन
करेंगे तो बच्चे बिगड जाएंगे। यह सोच अपने आप में गलत है। माता-पिता का इस
तरह का व्यवहार बच्चों की सोच को संकीर्ण बना देता है, बच्चे माता-पिता के
बीच आपसी प्यार का संवेदनशील आदान-प्रसान चाहे वह एक स्पर्श मात्र ही, क्यो
ना हो, वह भी नहीं देख पाते, क्योकि उन्होंने बचपन से यह नहीं देखा होता।
उनकी सोच इस हद तक संकीर्ण हो जाती है कि उन्हें प्यार और परिवार अलग-अलग
सीमाओं में बंधा लगता है। बच्चों प्यार को एक चोरी-छिपे की जाने वाली चीज
समझते हुए बडे होते है। वे समझते है कि प्यार किसी अंधेरे कोने में
अभिव्यक्त की जाने वाली भावना है, जिसके लिए किसी पिक्चर हॉल का अंधेरा या
किसी पब्लिक पार्क का झुरमुट ही सही रहता है। जबकि सच तो यह है कि जो
बच्चा अपने घर में प्यार पनपता देखता है वह कभी गुमराह नहीं होता। बच्चें
के मन पर माता-पिता के प्यार का बहुत ही सुखद और सुंदर असर पडता है और
उन्हें जोडे रखना सीखता है, इसलिए माता-पिता बनने के बाद पति-पत्नि को अपने
बीच का रोमांस फीका नहीं पडने देना चाहिए, क्योकि वहीं रोमांस उन के
दांपत्य जीवन को भी सुखी बनाता है और बच्चें भी माता-पिता में प्यार देख
मानसिक रूप से स्वथ्य रहते है।
क्यों डरते हैं माता-पिता
1. मां-बाप को डर कि बच्चा कहीं बिगड न जाए।
2. बच्चें को स्त्री-पुरूष के संबंधों में बारे में पता ना चले जाए, फिर भले ही उसे बाहर से ही अधकचरा ज्ञान क्यो ना मिलें।
3. पति-पत्नी की भूमिका छोड सिर्फ माता-पिता का रोल प्ले करने में लग जाते है।
4. उनको लगता है कि अब उम्र नहीं है रोमांच करने की।
कैसे करें बच्चों के सामने रोमांस -
1. बच्चों के सामने पति-पत्नी गुड नाइट, किस करने सोने की आदत डाले।
2. सुबह ऑफिस जाते हुए पति जब बच्चों को प्यार करते तो पत्नी को भी माथे पर हल्का सा किस कर के जाए।
3. किसी खुशी की बात पर बच्चों के साथ-साथ पार्टनर को भी गले लगाए।
4. कभी-कभी पत्नी जब बच्चों को अपने हाथ से खाना खिलाए तो पति के मुंह में भी कुछ कौर दे सकते है।
5. बच्चों को पार्क में घुमाने ले जाएं और उनके सामने पार्क में एक-दसूरे का हाथ पकडकर टहल सकते है। इसमें कोई बुराई नहीं।
6. एक-दूसरे की सालगिराह पर बच्चों के साथ मिलकर एक-दूसरे को सरप्राइज दे
इससे बच्चें आपके प्यार को भी समझेंगे कि उनके मम्मी-पापा को एक-दूसरे से
कितना प्यार है।
7. बच्चों जब अपने आप में खेल या दूसरी चीजों में बिजी हो तो आप भी साथ बैठ
घंटों बाते करके टाइम पास करे। सिर्फ घर के कामों में ही ना लगे रहे।
8. बच्चों के सामने हल्का-फुल्का रोमांस करना ठीक है, लेकिन अपनी हदें इतना
भी ना पा करे कि बच्चे वास्तव में ही बिगड जाए या आपसे दूरी बना ले।
9. बच्चों के सामने एक दूसरे की कमियों को ना गिनाए, बल्कि प्यार से कर्मियों को सुधारने की कोशिश करें।
फायदे -
1. अपने लिए अलग से समय ढूंढने की जरूरत नहीं, ना ही छोटा सा किस करने के लिए बच्चों के सोने का इंतजार करने की जरूरत होगी।
2. माता-पिता बनने के बाद पति-पत्नी के बीच का रोमांस फीका नहीं पडेगा। आपके दांपत्य जीवन में दूरियां और नीरसता नहीं आएगी।
3. बच्चे, स्त्री और पुरूष के आपसी विस्तृत संबंधों के प्रति जागरूक बनते
है। बच्चों को यह नहीं लगेगा कि सबके मम्मी-पापा आपस में प्यार करते है और
आप सिर्फ झगडा करते है, क्योकि आपको प्यार करते वे देखते जो नहीं।
4. अगर कभी-कभी आप पति को प्यार करेंगी या उन्हें समय देगी तो बच्चा जलन
महसूस कर चिढेगा कि आज पापा को ज्यादा अहमियत क्यो दी जा रही है। मम्मी
उसके साथ क्यो नहीं खेल रही और समय नहीं बिता रही, लेकिन अगर यह चीज आपके
डेली रूटीन में होगी तो बच्चों ईष्र्या महसूस नहीं करेगा।
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