कहीं कम उम्र में संबंध ना बन जाए आफत...
By: Team Aapkisaheli | Posted: 23 Oct, 2017
कम उम्र में सैक्स को लेकर कराए गई रिसर्च में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। आइये डालते हैं रिसर्च से प्राप्त नतीजों पर एक नजर...
सैक्स शब्द सामने आते ही अचानक हर किसी के मन में एक बिजली-सी दौड जाती है।
आधुनिक दौर में तो कम उम्र में ही लडके-लडकियां सबकुछ जान और अनुभव हासिल
कर लेना चाहते हैं। अगर इन्हें उचित शिक्षा नहीं दी जाए, तो इससे इनके
बिगडने की आशंका ज्यादा बढ जाती है।
ज्यादातर लोगों को यह बात पता नहीं है कि भारत दुनिया के उन देशों में से
एक है, जहां किशोर उम्र में गर्भवती होने वाली लडकियों की तादाद सबसे
ज्यादा है। इससे किसी को आpर्य नहीं होना चाहिए, क्योंकि उनमें से ज्यादातर
लडकियां विवाहित होती हैं।
अगर हम बात करें वैस्र्टनाइजेशन की, तो वहां इसे यंग जनरेशन का नॉन-रिस्पॉन्सिबल अप्रोच और फ्रिडम माना जाता है।
एक सर्वेक्षण के मुताबिक, माता-पिता को जब पता भी चल जाता है कि उनके बच्चे
सैक्स में इन्वॉल्व हैं, तो वे उन्हें फटकार लगाते हैं या जान-बूझकर
इग्नोर कर देतें हैं।
सिर्फ एक-तिहाई माता-पिता ही इस बारे में अपने बच्चों से बात करते हैं और
उन्हें शिक्षित करते हैं, बाकि तो इस टॉपिक को रेज करने से भी कतराते हैं।
ज्यादातर लोग अपने बच्चों के सामने अपनी पत्नी या पति के प्रति प्यार जाहिर
करने से भी हिचकते हैं। पैरेन्ट्स और बच्चों के बीच सैक्स के विषय पर
सीमित बातचीत ही होती है।
सामाजिक संपर्क न होने और सैक्स के विषय पर माता-पिता से कोई जानकारी न मिलने से बच्चे इंटरनेट का सहारा लेते हैं।
अभिभावकों को अमूमन इसकी जानकारी नहीं होती कि बच्चे इंटरनेट पर क्या देखते
हैं। नतीजा यह होता है कि वे पॉर्नाे साइट देखने लगते हैं।
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