गुनाहों से तौबा और बरकात की रात है शबे रात
By: Team Aapkisaheli | Posted: 10 May, 2017
शबे बरात के माने निजात या रिहाई की रात के हैं। हदीस में बयान किया गया है
कि इस रात इस कायनात का मालिक पहले आसामन पर जलवागर होकर इंसानों को
पुकारता हैकि कोई जो मगफेरत तलब करे तो मैं उसको बख्श दूं, कोई रिज्क मांगे
तो उसे रिज्क दूं, कोई बीमार दुआ करे तो मैं उसे शिफा बख्शूं। अल्लाह के
रसूल मोहम्मद सल्ललाहोअलैहे वसल्लम फरमाया करते थे कि शाबान मेरा महीना है,
रजब अल्लाह की महीना है और रमजान मेरी उम्मत का महीना है। शाबान गुनाहों
को मिटाने वाला और रमजान पाक करने वाला है। शबे रात का जिक्र करते हुए
अल्लाह के रसूल ने एक बार फरमाया कि इस रात अल्लाह के फरिश्ते हजरत जिबराईल
मेरे पास आये औरकहा कि यह वह रात है, जिसमं अल्लाहतआला रहमत के दरवाजों
में से तीन सौ दरवाजे खेलता है और हर उस शख्स के गुनाहा बख्श देता है, जो
अल्लाह की जात में किसी को शरीक ना करता हो। न वह जादूगर हो और वह अपनी
बीबी के अलावा दूसरी औरत से जिस्मानी ताल्लुक रखता हो। न जो सूद खाता हो,
लेकिन अगर ये लोग भी अपने गुनाह से तौबा कर लें तो अल्लाह उनको भी बख्श
देता है। गोया इस रात की फजीलत यही है कि इस रात लोगों के गुनाह माफ किये
जाते हैं। इस बात से यह भी जाहिर होता है कि इस दुनिया को बनाने वाले मालिक
को अपने बंदे कितने महबूब है कि वह अपने बंदे को अपने गुनाहों से तौबा
करने का बार-बार देता है। लेकिन अगर बंदा बार-बार गुनाह करते पर तुल रहे तो
फिरउसको तबाह होने से कौन बचा सकता है।
#बॉलीवुड सेलिब्रिटीज सफेद रंग के लिबास में