गुनाहों से तौबा और बरकात की रात है शबे रात
By: Team Aapkisaheli | Posted: 10 May, 2017
पन्द्रह शाबान को लाग शबे-बारात मान कर जगह-जगह, चौराहों,, गली-कूचों में
मजलिसें जमातें और झूठी रिवायात ब्यान करके पन्द्रह शअबान की बडी अहमियत और
फजीलत बताते हैं।
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