धनी बनाते हैं ये चमत्कारी योग
By: Team Aapkisaheli | Posted: 21 Nov, 2017
हर कोई पैसे वाला बनना चाहता है, लेकिन यह नहीं जानता कि उसे करना क्याा
है? फलित ज्योतिष के द्वारा कुछ धनदायक योग हैं, जिनको साधकर धन प्राप्ति
हो सकती है। इन योगों में लग्नत के अनुसार पैसों का आगम होता है।
मेष: लग्न में द्वितीय भाव में मंगल, गुरु व शुक्र का
संबंध व्यक्ति को श्रेष्ठ व्यापारी बनाकर संघर्ष और उतार-चढ़ाव के बाद
धनपति बनाएगा। शनि-शुक्र का धन तथा लाभ (2-11) भाव में राशि परिवर्तन योग
धनवान बनाने में समर्थ होगा।
वृष: लग्न-बुध-गुरु (लाभेश-धनेश) एक साथ बैठे हों तथा मंगल से दृष्ट हों तो श्रेष्ठतम धन योग होता है।
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पत्नी को नींद न आए,नींद पूरी न हो तो समझोमिथुन: चंद्र, मंगल तथा शुक्र दूसरे भाव में हों तो,
शुक्र की महादशा में व्यक्ति अतुल धनी होगा तथा आकस्मिक धन लाभ होगा।
तृृतीय भाव में बुध-सूर्य की युति हो तो, बुध की महादशा में श्रेष्ठ धनागमन
योग होगा। शनि नवम में तथा चंद्र मंगल एकादश भाव में हो तो व्यक्ति गरीब
के घर जन्म लेकर भी धनपति होगा।
कर्क: चंद्र, मंगल तथा गुरु दूसरे भाव में, शुक्र-सूर्य
पांचवें भाव में हो तो निर्धन के घर में जन्म लेकर भी करोड़पति होगा। दशम
भाव में सूर्य-मंगल की युति हो तो मंगल की महादशा धनकुबेर बना देगी।
सिंह: लग्न में सूर्य-मंगल-गुरु अथवा सूर्य-मंगल-बुध की युति
प्रबल धनदायक होगी। परन्तु शुक्र-गुरु एक साथ बैठकर कंगाल बनाएंगे, यदि साथ
में बुध और बैठ जाए तो अत्यन्त धनहानि होगी।
कन्या: केतु-शुक्र दूसरे भाव में धनवान बनाएंगे, आकस्मिक धनलाभ
होगा। सूर्य के साथ चंद्र या शुक्र हो तो सूर्य की दशा में विशेष धनलाभ
होगा परन्तु शुक्र के अस्त होने पर शुक्र की महादशा दिवालिया बना सकती है।
तुला: लग्न में सूर्य-चंद्र तथा नवें भाव में राहु आकस्मिक रुप
से श्रेष्ठ धनदायक होंगें। शनि लग्न या पंचम में हो तथा मंगल एकादश भाव भाव
में अटूट धन-सम्पत्ति देने में समर्थ होगा। इससे गरीबी से छुटकारा मिलेगा।
वृश्चिक: लग्न में बुध-गुरु साथ अथवा सम सप्तक हों तो श्रेष्ठ
धनी बनाएगा परन्तु स्वभाव कंजूस होगा। सूर्य-बुध-शुक्र सप्तम भाव में हों
तो बुध की महादशा में धनागमन। बुध-गुरु पंचम तथा चन्द्र ग्यारहवें भाव में
हो तो करोड़पति बनाएगा परन्तु तृतीयस्थ गुरु-शुक्र पुत्रों द्वारा धन नाश
कराएंगे।
धनु: ग्यारहवें भाव में शनि हो तो, शनि की महादशा आर्थिक दृष्टि
से श्रेष्ठ। परन्तु नवम भाव में मंगल हो तो संतान द्वारा धन का अपव्यय
होगा।
मकर: लग्न में मंगल तथा सप्तम में चन्द्र अत्यंत धनकारक। यदि
बुध-शनि भाग्य स्थान में हों तो निर्धन के घर जन्म लेकर भी धनी बनेगा। पैसे
का अभाव उसे कभी नहीं खलेगा।
कुम्भ: दूसरे में गुरु तथा
ग्यारहवें भाव में शुक्र हो तो अत्यन्त धनवान होगा। गुरु नवम में तथा शुक्र
दूसरे या दशमे स्थान में हो तथा शनि की दृृष्टि भी शुक्र पर हो तो साधारण
परिवार में जन्मा व्यक्ति भी धनपति होता है। शनि-शुक्र 11वें हों तो शुक्र
दशा अत्यंत धनदायक। परन्तु सूर्य-मंगल अष्टम में हों तो इन दोनों की दशाएं
दरिद्रता देने वाली तथा घोर कष्ट दायक होंगी।
मीन: आपको ग्यारहवें भाव का मंगल आकस्मिक
धन दिलाएगा लेकिन साथ ही पंचम भाव का
मंगल स्त्री अथवा उसके भाइयों से धन हानि
कराएगा। गुरु त्रिकोण में तथा मंगल 11वें भाव में महालक्ष्मी योग बनाएगा।
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