करियर प्लानिंग कर हैं तो ये उपाय आपके काम के...
By: Team Aapkisaheli | Posted: 16 Nov, 2016
सीखकर ही बनें दक्ष
हर व्यक्ति में कुछ
जन्मजात खूबियां होती हैं, जो हमारे जीवन का आधार बनती हैं। कुछ लोग इसे
फ्लेयर का नाम देते हैं तो कुछ टेलेंट यानी प्रतिभा, हम कॅरियर काउंसलर इसे
किसी चीज के लिए एप्टीट्यूड की संज्ञा देते हैं। क्या इसका यह अर्थ हुआ कि
जो गुण हमें प्रकृति ने नहीं दिए, हम उन्हें विकसित नहीं कर सकते? सौभाग्य
से इसका जवाब नहीं है। हमें जो पैदाइशी प्रतिभा मिली है, उसे हम तराश कर
धारदार बना सकते हैं। थोड़े प्रयास से हम नई योग्यता और कौशल भी विकसित कर
सकते हैं, जो हमें बहुमुखी प्रतिभा का स्वामी बनाएंगे। मैं जानती हूं कि
कुछ छात्रों का एक ही लक्ष्य होता है, मैं अमीर और सफल बनना चाहता हूं।
दूसरे भी 40 साल की उम्र में रिटायर होने की बात करते हैं। लेकिन अपने सपने
और जुनून पूरे करने की दीवानगी का सिनेमा की फंसाती भरी दुनिया में ही
महिमा मंडन होता आया है, लेकिन असल दुनिया में पांच सितारा जीवन शैली दे
सकने वाला सुरक्षित कैरियर ही अधिकतर युवाओं की चाह होते हैं।
असल
दुनिया में जब आप सफल लोगों से मिलते हैं तो आप देखेंगे कि सबके सब डॉक्टर
या इंजीनियर नहीं होते, उनमें कुछ पत्रकार होते हैं, कुछ मनोवैज्ञानिक तो
कुछ शेफ। कुछ ने सिर्फ बीए या बीकॉम किया होता है। कुछ बिना किसी औपचारिक
योग्यता के ही मिलेंगे। इसका यह अर्थ हुआ कि उन्होनें कैरियर चुना, वे उससे
जुड़े रहें और अपनी मंजिल तक पहुंच गए।