जानें क्यूं हैं:सात फेरों के लिए शुभ मुहूर्त का बडा महत्व
By: Team Aapkisaheli | Posted: 23 Nov, 2016
सही समय के निर्धारण के लिए पंचाग के 5 तत्व तिथि,
नक्षत्र, वार, योग व करण मुख्य हैं। इसके अतिरिक्त सूर्य व चंद्र पर आधारित
महीने, लग्र व राशि के भिन्न-भिन्न योग या युति के साथ मिलाकर विवाह के
शुभ मुहुर्त का चयन किया जाता है। मुहुर्त का एक महत्वपूर्ण भाग लग्र है,
जिस पर साधारणतया अधिक ध्यान नहीं दिया जाता। मुहुर्त में बहुत शुभ या
अनुकूल बातें ना भी हों, किन्तु यदि लग्र का समय ध्यान से निकाला गया हो,
तो वह मुहुर्त के दूसरे अंगों द्वारा आई बाधाओं व दोषों को दूर कर देता है।
जब बृहस्पति और शुक्र अस्त हो, तो वह समय विवाह के लिए वर्जित है। महीने
में आषाढ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक का समय विवाह के लिए ठीक
नहीं है। इस समय से बचना चाहिए। सात फेरों के समय शुभ मुहूर्त का विचार
करना आवश्यक है।