जब करना हो प्यार का इजहार
By: Team Aapkisaheli | Posted: 16 Apr, 2013
कहते हैं, प्यार की जुबां नहीं होती। यह तो खामोशी से हवाओं में बहता रहता है। प्यार धर्म, जाति, ऊंच-नीच और सरहद की दीवारों के पार पनपता रहा है, कभी निगाहें तो कभी दिल की धडकनें इस की गवाह बनती हैं। प्यार कब और किसी हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। पहले कोई आंखों को अच्छा लगता है, फिर धीरे-धीरे वह मन में बस जाता है। इसके बाद शुरू होता है स्वयं से युद्ध कि इजहारे मुहब्बत कैसे किया जाए।