नवरात्र में क्यों किया जाता है कन्या पूजन, जानिए पीछे का धार्मिक महत्व
By: Team Aapkisaheli | Posted: 03 Apr, 2025
नवरात्र श्रद्धालुओं के लिए एक बहुत ही खास त्यौहार होता है जब 9 दिनों तक माता की आराधना की जाती है। इस दौरान माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में कन्या पूजन करना एक महत्वपूर्ण और पवित्र अनुष्ठान है। इस दौरान, नौ दिनों तक माता दुर्गा की पूजा की जाती है, और अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। कन्या पूजन में, दो से दस साल की उम्र की कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। कन्याओं को भोजन कराया जाता है, उनके पैर धोए जाते हैं, और उन्हें उपहार दिए जाते हैं। यह अनुष्ठान माता दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शक्ति प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
माता दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिएनवरात्रि में कन्या पूजन करने का मुख्य उद्देश्य माता दुर्गा की कृपा प्राप्त करना है। कन्या पूजन में, कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है, जिससे माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और शक्ति आती है।
शक्ति और सामर्थ्य की पूजा करने के लिएनवरात्रि में कन्या पूजन करने का एक अन्य उद्देश्य शक्ति और सामर्थ्य की पूजा करना है। कन्या पूजन में, कन्याओं को शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक मानकर उनकी पूजा की जाती है, जिससे जीवन में शक्ति और सामर्थ्य की वृद्धि होती है।
कन्याओं को सम्मान देने के लिएनवरात्रि में कन्या पूजन करने का एक अन्य उद्देश्य कन्याओं को सम्मान देना है। कन्या पूजन में, कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है, जिससे कन्याओं को सम्मान और आदर मिलता है।
जीवन में सुख और समृद्धि लाने के लिएनवरात्रि में कन्या पूजन करने का एक अन्य उद्देश्य जीवन में सुख और समृद्धि लाना है। कन्या पूजन में, कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
पापों का प्रायश्चित करने के लिएनवरात्रि में कन्या पूजन करने का एक अन्य उद्देश्य पापों का प्रायश्चित करना है। कन्या पूजन में, कन्याओं को देवी दुर्गा का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है, जिससे पापों का प्रायश्चित होता है और जीवन में शुद्धि और पवित्रता आती है।
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